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26-Jun-2024 11:09:37 pm
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आगामी बजट में सरकारी वेलफेयर योजनाओं के खर्च में हो सकती है बढ़ोतरी : रिपोर्ट

नई दिल्ली । केंद्र सरकार को आने वाले बजट में पूंजीगत व्यय और विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी प्रकार की आर्थिक मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसकी वजह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सरकार को दिया गया लाभांश और टैक्स से आय में इजाफा होना है।
यह जानकारी वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज की रिपोर्ट में दी गई। जेफरीज का कहना है कि आने वाले बजट का अफोर्डेबल हाउसिंग, कंज्यूमर कंपनियों, कीमतों को लेकर संवेदनशील उद्योगों और पूंजीगत व्यय से प्रभावित होने वाली कंपनियों पर सकारात्मक असर होगा। हालांकि, आईटी और फार्मा उद्योग पर इस बजट का कोई असर नहीं होगा।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि सरकार के पास अधिक पूंजीगत और सोशल खर्च के लिए 40 से 50 आधार अंक का फाइनेंशियल बफर मौजूद है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि बढ़ता हुआ इनकम टैक्स कलेक्शन सरकार को टैक्स में छूट देने की अनुमति देता है। इससे करदाताओं को राहत मिल सकती है। इसके साथ ही खर्च बढऩे से आर्थिक गति को भी सहारा मिलेगा।
जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में दिए गए सुझावों में कहा है कि सरकार को शहरी घरों के लिए क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम वापस लानी चाहिए। साथ ही पूंजीगत व्यय को 30,000 करोड़ रुपये बढ़ाना चाहिए।
जेफरीज ने उम्मीद जताई है कि इस बजट में सरकारी वेलफेयर योजनाओं के खर्च में 50,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की जा सकती है। वहीं, उधारी के लक्ष्य को घटाया जा सकता है। इसके अलावा बजट में एफएंडओ ट्रेडिंग पर नकेल कसी जा सकती है। हालांकि, कैपिटल गेन टैक्स के रिजीम में कोई बदलाव नहीं होने की संभावना है।

 

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