व्यापार

19-Feb-2019 1:46:54 pm
Posted Date

पहली बार अमेरिकी कच्चा तेल खरीदने का वार्षिक करार

0-1.5 अरब का क्रूड खरीदेगा आईओसी
नई दिल्ली ,19 फरवरी । पब्लिक सेक्टर की कंपनी इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने अमेरिका के साथ 30 लाख टन कच्चा तेल खरीदने का वार्षिक करार किया है। इस साल 1 अप्रैल से वह तेल का आयात वहां से शुरू करेगी। आईओसी की इस पर 1.5 अरब डॉलर की लागत आएगी। भारत ने 2017 से अमेरिका से कच्चे तेल का आयात शुरू किया था, लेकिन पहली बार किसी भारतीय रिफाइनिंग कंपनी ने इसके लिए अमेरिका के साथ ऐनुअल अग्रीमेंट किया है।
आईओसी ने बताया, हमने अलग-अलग देशों से क्रूड ऑइल खरीदने की नीति के तहत अमेरिका के साथ 30 लाख टन क्रूड ऑइल खरीदने का समझौता किया है। यह कॉन्ट्रैक्ट 15 फरवरी को फाइनल हुआ। इससे पहले आईओसी ने कच्चा तेल खरीदने के लिए अमेरिका के साथ पिछले साल अगस्त में टर्म-टेंडर डील साइन की थी। उस समय नवंबर 2018 से जनवरी 2019 के बीच डिलीवरी के वादे के साथ कंपनी ने 60 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदने का समझौता किया था। यह सौदा सिंगल टेंडर के जरिये हुआ था।
कंपनी ने बताया, 30 लाख टन क्रूड ऑइल खरीदने पर करीब 1.5 अरब डॉलर की लागत आएगी। आईओसी पहली पीएसयू है, जिसने यूएस ओरिजिन क्रूड ऑइल ग्रेड के लिए कोई कॉन्ट्रैक्ट फाइल किया है। इससे पहले आईओसी और दूसरी सरकारी रिफाइनरी कंपनियां अमेरिका से स्पॉट मार्केट के जरिये कच्चे तेल की खरीदारी कर रही थीं। यह खरीदारी टेंडर बेसिस पर होती थी। कंपनियां बोर्ड की अनुमति के बगैर खास अवधि या मात्रा में तेल खरीदने का समझौता नहीं कर सकतीं। अभी उन्हें विदेशी कंपनियों के साथ ऐसे कॉन्ट्रैक्ट करने की इजाजत नहीं है। 
आईओसी और बीपीसीएल-एचपीसीएल जैसी सरकारी कंपनियां खासतौर पर पश्चिम एशिया की राष्ट्रीय तेल कंपनियों के साथ तेल खरीदने के लिए सालाना करार करती हैं। पिछले साल इस परंपरा को तोड़ते हुए आईओसी ने अमेरिका से एक कार्गो क्रूड ऑइल के लिए टेंडर दिया था। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि अब बोर्ड ने सालाना करार के आधार पर अमेरिका से तेल खरीदने की इजाजत दे दी है। 
भारत ने सबसे पहले अक्टूबर 2017 में अमेरिकी क्रूड ऑइल खरीदा था। उसके बाद से भारतीय कंपनियां टेंडर के आधार पर वहां से तेल खरीद रही हैं। ईरान पर अमेरिका के फिर से आर्थिक पाबंदी लगाने के कुछ महीनों के अंदर भारत ने अमेरिका से तेल की खरीदारी बढ़ाई है। ईरान, भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर है। ईरान पर अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंध 4 नवंबर 2018 से लागू हुआ, जिसके बाद भारत ने उससे तेल की खरीदारी घटाई है।

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