छत्तीसगढ़

09-Jun-2024 10:21:23 pm
Posted Date

छत्तीसगढ़ में किराया की गाड़ियों पर ब्रेक : विभागों में किराया की गाड़ियों पर लगी रोक, वित्त विभाग ने जारी किया निर्देश

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में सरकारी विभागों में गाड़ी किराया पर लेने पर रोक लगा दी गई है। वित्त विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि वित्तीय अधिकारों के प्रत्यायोजन की पुस्तिका में वाहन किराये पर लेने संबंधी अधिकार समाप्त कर दिए गए हैं। अपवाद स्वरूप वित्त विभाग की सहमति से ही वाहन विशेष उद्देश्य व निर्धारित अवधि के लिए किराया पर लिया जा सकता है।
वित्त विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि प्राय: यह देखा जा रहा है कि विभिन्न विभागों एवं उनके अधीनस्थ कार्यालयों/ निगम/मंडल/अनुदान प्राप्त संस्थाओं द्वारा किराया का वाहन उपयोग में लिया जा रहा है तथा उक्त वाहनों के किरायें की दरों में एकरूपता नहीं है। अत: एकरूपता की दृष्टि से परिशिष्ट-अ अनुसार वाहनों / समतुल्य वाहनों के किराया हेतु दर तथा परिशिष्ट-ब अनुसार किराये की शर्त निर्धारित किया जाता है। किराये के वाहन की दरें राज्य मद से किराये पर लिये जाने वाले वाहनों के साथ केन्द्र पोषित अथवा अन्य मदो से वित्त पोषित योजनाओं के तहत किराये पर भी लिये जाने वाले वाहनों पर समान रूप से लागू होगें।
वाहन किराया पर लेने के लिए वित्त विभाग की अनुमति के साथ इन शर्तों का करना होगा पालन 1. किराये पर उपलब्ध कराये जाने वाले वाहन का मॉडल वर्ष 2020 या उसके बाद का होना चाहिए। इन वाहनों के पंजीयन संबंधी दस्तावेज की प्रतिलिपि अनिवार्यत: ली जाये।
2. वाहन के समस्त दस्तावेज जीवित बीमा (कम्प्रेहेन्सिव) तथा फिटनेस प्रमाण पत्र आदि होना अनिवार्य है। उपरोक्त सभी का भुगतान वाहन मालिक द्वारा किया जावेगा। बीमा संबंधी दस्तावेज की प्रतिलिपि जमा किया जाये।
3. वाहन मुख्यालय पर रहने एवं मुख्यालय से बाहर रहने पर कोई अतिरिक्त राशि देय नहीं होगा। 4. किराये की अवधि में वाहन आबंटित अधिकारी के आधिपत्य में रहेगा तथा फर्म के द्वारा अपने निजी प्रयोजन अथवा कार्यालय से हटकर अन्य कार्य हेतु वाहन का उपयोग किया जाता है, तो तत्काल प्रभाव से वाहन हटा दिया जावेगा। 5. वाहन की मरम्मत, रख-रखाव, दुर्घटना दावा एवं समस्त अन्य खर्चे वाहन मालिक द्वारा वहन किया जाएगा। 6. उपयोग के दौरान वाहन के खराब होने की स्थिति में समतुल्य वाहन तत्काल उपलब्ध कराना होगा। वाहन तत्काल उपलब्ध न कराये जाने पर उक्त दिवस की राशि कटौती की जाएगी। यदि कार्यालय द्वारा वाहन की व्यवस्था की जाती है, तो व्यय पूर्ति की जवाबदारी फर्म की होगी।

 

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