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05-Jun-2024 9:45:44 pm
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असम में बाढ़ से अब तक 24 की मौत, 4 लाख से अधिक लोग प्रभावित

गुवाहाटी। असम में लगातार होर रही बारिश के बाद आई बाढ़ के बार स्थिति भयावह बन गई है।मंगलवार को बाढ़ के कारण 7 और लोगों की मौत हो गई, जिससे हाल ही में मरने वालों का आंकड़ा 24 हो गया है। यहां 9 जिलों में 4.23 लाख लोग प्रभावित हैं।राज्य में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल  और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमें प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, बाढ़ के कारण सोनाई में 4 और कछार जिले के सिलचर राजस्व मंडल में एक व्यक्ति की मौत हो गई।इसके अलावा, नागांव जिले और कामरूप मेट्रोपॉलिटन के दिसपुर में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है।इसके साथ ही इस साल राज्य में बाढ़, भूस्खलन व तूफान में जान गंवाने वालों की संख्या बढक़र 30 हो गई है। सरकार पूरे नुकसान की समीक्षा में जुटी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ के कारण राज्य के कछार, धेमाजी, दिमा हसाओ, हेलाकांडी, होजाई, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, करीमगंज, मोरीगांव और नागांव जिलों के सबसे ज्यादा लोग प्रभावति हुए हैं।इन जिलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 4.23 लाख से अधिक है। बाढ़ का सबसे ज्यादा प्रभाव नागांव में हैं, जहां 2.13 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।इसी तरह कछार में 1.19 लाख और होजई में 60,500 लोग पीडि़त हैं।
एएसडीएमए की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में मंगलवार तक बाढ़ के कारण 6.25 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।इसको देखते हुए सरकार ने 6 जिलों में चल रहे राहत शिविरों की संख्या को बढ़ाकर 167 कर दिया है। इन राहत शिविरों में 32,872 लोगों ने शरण ले रखी है।इसी तरह 4 जिलों में 73 राहत वितरण केंद्र संचालित किए गए हैं, जहां से लोगों को राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने राज्य में अब तक वितरण केंद्रों पर 1,221.69 क्विंटल चावल, 225.29 क्विंटल दाल, 67.58 क्विंटल नमक और 1,073.59 लीटर सरसों का तेल वितरित किया जा चुका है।वर्तमान में 459 गांव पानी में डूबे हुए हैं और बाढ़ के कारण 7,866.08 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली फसल खराब हो गई है।मोरीगांव, नागांव और कछार में बाढ़ से सडक़ें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
एएसडीएमए के अनुसार, राज्य में भारी बारिश के बार कोपिली और कुशियारा नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। लोगों को नदियों के किनारे न जाने को पाबंद किया है। बाढ़ से 46,000 घरेलू जानवर भी प्रभावित हुए हैं।

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