छत्तीसगढ़

04-Jun-2024 12:18:44 pm
Posted Date

10 दिनों के भीतर टीबी के आए 1,520 मरीज

रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2025 तक राज्य को पूरी तरह से टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन तपेदिक (टीबी) के मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या ने चिंता बढ़ा दी है।
10 दिन में 1520 नए टीबी मरीज सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक साढ़े चार महीने में 14220 मरीज मिले हैं. पिछले साल करीब 38 हजार टीबी मरीज मिले थे। वहीं, अब तक 532 से ज्यादा एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) मामले भी पहचाने जा चुके हैं। इसकी मृत्यु दर 60 प्रतिशत तक है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना काल के बाद से टीबी के मरीजों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इसके कारणों को जानने के लिए शोध की जरूरत है।
टीबी रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होता है। यह एक ऐसी बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। यह उन लोगों को जल्दी प्रभावित करता है जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। टीबी की दवा बीच में बंद नहीं की जा सकती। मरीज के वजन के अनुसार छह माह से लेकर दो साल तक की विभिन्न श्रेणियों की दवाएं दी जाती हैं। अगर दवा में गैप हो तो मरीज को दवा प्रतिरोधी टीबी हो सकती है, जो बेहद खतरनाक हो सकती है। टीबी के मरीजों को खाली पेट दवा खानी पड़ती है। यदि पाठ्यक्रमों के बीच लंबा अंतराल हो तो मरीजों का दोबारा फॉलोअप किया जाता है। केंद्र से नहीं मिल रही दवा : राज्य के सरकारी अस्पतालों में टीबी की दवा नहीं मिलने से मरीजों को खाली हाथ लौटना पड़ता है. फरवरी से सरकारी अस्पतालों में टीबी की दवाओं की कमी हो गई थी।
कुछ समय तक तो अस्पताल चल रहे थे, लेकिन पिछले एक माह से दवा पूरी तरह खत्म हो गयी है. रायपुर के पास भी सिर्फ एक सप्ताह की दवा बची है। टीबी मरीजों को दी जाने वाली दवा केंद्र सरकार के टीबी विभाग द्वारा उपलब्ध करायी जाती है, जो बंद है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि टीबी की दवा के लिए कई बार टीबी विभाग को पत्र लिखा जा चुका है। छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश में दवाओं की सप्लाई नहीं हो रही है. राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को वहां से निर्देश मिलने के बाद ही जिला स्तर से दवाएं खरीदने के निर्देश दिये गये हैं.
जनवरी से 19 मई 2024 तक मरीजों की स्थिति
बालोद- 303, बलौदाबाजार- 451, बलरामपुर- 281, बस्तर- 524, बेमेतरा- 296, बीजापुर- 203, बिलासपुर- 1,022, दंतेवाड़ा- 267, धमतरी- 522, दुर्ग- 1,458, गरियाबंद- 7, गरियाबंदर- 125, जांजगीर- चांपा- 359, जशपुर- 418, कवर्धा- 333, कांकेर- 385, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई- 129, कोंडागांव- 260, कोरबा- 669, कोरिया- 89, महासमुंद- 553, मनेंद्रनगरीहरपुर 176, मोहला-मानपुर- अंबागढ़ चौकी- 119, मुंगेली- 267, नारायणपुर- 121, रायगढ़- 759, रायपुर- 1944, राजनांदगांव- 419, सक्ती- 265, सारंगढ़-बिलाईगढ़, सूरजपुर-27, सूरजपुर- 27-27 - 237।

 

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