छत्तीसगढ़

08-Jul-2018 12:20:54 pm
Posted Date

रमन के पांच मंत्रियों की कट सकती है टिकट…!

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पांच मंत्रियों का इस बार भी विधानसभा पहुंचना मुश्किल होगा। संघ द्वारा अपने एक अनुषांगिक संगठन द्वारा कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई है कि पुअर पारफार्मेंस के कारण इन मंत्रियों के विधानसभा इलाके में एंटी इंकाम्बेंसी का असर सामान्य से कहीं ज्यादा है। इसके अलावा सूबे के कम-से-कम 25 विधायक भी फिर से चुनाव निकालने की स्थिति में नहीं हैं। इन्हें बदले बगैर भाजपा के लिए चौथी बार सरकार बनाना संभव नहीं होगा। संघ ने अपनी गोपनीय रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को भेज दी है। रिपोर्ट में यह बात अहम है कि लोगों की नाराजगी पार्टी या सरकार से नहीं, कुछ मंत्री और विधायकों से है।
रमन सरकार में बारह मंत्री हैं। बृजमोहन अग्रवाल, प्रेमप्रकाश पाण्डेय, अमर अग्रवाल, पुन्नूलाल मोहले, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, रामसेवक पैकरा, केदार कश्यप, दयालदास बघेल, भैयालाल रजवाड़े, महेश गागड़ा और रमशिला साहू। इनमें से बृजमोहन, अमर, मोहले, राजेश, केदार और दयालदास दूसरी पारी में भी मंत्री रहे। रमन सिंह की तीनों पारी में मंत्री रहने वालों में सिर्फ बृजमोहन, अमर, राजेश और केदार हैं। अजय चंद्राकर पहली पारी में मंत्री रहे लेकिन, 2008 का चुनाव हारने की वजह से दूसरी बार वे मंत्री नहीं बन पाए।
सर्वे में चार मंत्रियों की स्थिति मजबूत बताई गई है। इनमें बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर और पुन्नूलाल मोहले शामिल हैं। सूत्रों का कहना है, रिपोर्ट में सिलसिलेवार बताया गया है कि फलां मंत्री की स्थिति इलाके में क्यों कमजोर और फलां की किसलिए मजबूत है। बृजमोहन अग्रवाल के बारे में लिखा है, उनका अपना जनाधार और प्रबंधन है। रायपुर दक्षिण में उनके मुकाबिल कांग्रेस के पास चेहरा भी नहीं है। अमर अग्रवाल के बारे में कहा गया है, बिलासपुर में उन्होंने वोट बैंक मजबूत कर लिया है और कांग्रेस के पास मुकम्मल चेहरा नहीं है, जो अमर को टक्कर दे सकें। अजय चंद्राकर ने विकास के सर्वाघिक काम करवाएं हैं तो पुन्नूलाल मोहले के बारे में लिखा है, इलाके में अच्छी पैठ होने के चलते उन्हें हराना मुश्किल है। बता दें, इससे पहिले 2013 के विधानसभा चुनाव में पांच सीनियर मंत्री चुनाव हार गए थे। इनमें गृह मंत्री ननकीराम कंवर, पंचायत मंत्री रामविचार नेताम, कृषि मंत्री चंद्रशेखर साहू, सिंचाई मंत्री हेमचंद यादव और महिला बाल विकास मंत्री लता उसेंडी शामिल थीं। पिछली बार बीजेपी ने 18 विधायकों के टिकिट काटी थी। लेकिन किसी मंत्री को ड्रॉप नहीं किया था। इस बार संकेत हैं, अमित शाह के मिशन 65 प्लस के लिए दो-तीन मंत्रियों को ड्रॉप किया जा सकता है। एंटी इंकाम्बेंसी का असर कम करने इस बार विधायकों में भी करीब दो दर्जन विधायकों के टिकिट काटे जाने का अंदेशा है। बीजेपी के एक बड़े नेता ने सर्वे के बारे में सीधे कुछ न कहते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के विकास यात्रा के बाद स्थितियां काफी बदली है। भिलाई में आईआईटी के शिलान्यास और प्रधानमंत्री की सभा से आसपास के इलाके में पार्टी के पक्ष में माहौल बना है। विकास यात्रा से एंटी इंकाम्बेंसी जैसी बातें खतम हो गई हैं।

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