छत्तीसगढ़

02-Jun-2024 10:47:51 pm
Posted Date

कलेक्टर साहू के नेतृत्व में निर्वाचन सुपरवाइजर, गणना सहायक और माइक्रो आब्जर्वर का प्रशिक्षण पूर्ण

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  कलेक्टर धर्मेश साहू के नेतृत्व में लोकसभा निर्वाचन के मतगणना कार्य के लिए निर्वाचन सुपरवाइजर, गणना सहायक और माइक्रो आब्जर्वर को अलग अलग तिथि और समय पर प्रशिक्षण दिया गया।  कलेक्टर ने सभी कर्मियों को कहा कि टीम के साथ और प्रत्याशी या उनके एजेंट के साथ कुशल व्यवहार होना चाहिए। जिला मास्टर ट्रेनर थानेश्वर चंन्द्रा, एस आर अजय और चूड़ामणि गोस्वामी ने बताया कि ईवीएम की गणना सुबह 8 बजे शुरू होगा। रनर कर्मचारी ड्रेस कोड में होंगे, विधानसभावार उनके ड्रेस के आगे पीछे टेबल नं. प्रिन्ट रहेगा जिससे सभी को पहचान होगा कि इस टेबल नंबर का ईवीएम मशीन लाने, ले जाने का कार्य यही करेगा। निश्चित हो जाने पर कि यह ईवीएम का सीयू उसी मतदान केन्द्र का है जिसका परिणाम निकालना है, तब
ईवीएम के सीयू के तीनो एड्रेस टैग को काटना होगा। ईवीएम के सीयू को चालू करने पर तारीख और समय बताएगा। सबसे पहले कुल बटन दबाना होगा तब 17 सी भाग 1 निकालकर एक कर्मचारी रखा रहेगा और उसके आंकडा से कुल बटन दबाने पर दिखाए गए रिजल्ट एक समान होना चाहिए। रिजल्ट मैंच नही करेगा तब ऑब्जर्वर को इसकी सूचना देना होगा। रिजल्ट बटन दबाने के बाद प्रत्याशी की सूची तैयार रखना है। रिजल्ट बटन को  दबाते समय ऐसी बैठक व्यवस्था बनाना होगा जिसके प्रत्याशी या एजेंट, गणना सहायक को एक साथ दिखे। अभ्यर्थी के रिजल्ट लिखने पर सावधानी बरतें। ओवर राइट स्वीकार नही होगा भले ही प्रपत्र बदलकर पुनः लिखें। मतगणना प्रेक्षक अपनी जांच के लिए दो टेबल का पुनः चेक करेगे। 
विसंगति होने पर ऑब्जर्वर का निर्णय सर्वोपरि
पहली स्थिति मान लीजिए वास्तविक मॉकपोल के पश्चात जिस पीठासीन अधिकारी ने सी.आर.सी (क्लियर) बटन नही दबाया होगा, दूसरी स्थिति जब ईवीएम मशीन और रिकार्ड प्रपत्र का मत मैच नही खा रहा तब और तीसरी स्थिति इवीएम में कुछ प्रदर्शित नही हो रहा तब इवीएम मशीन को स्विच ऑफ कर ए.आर.ओ को सौंप देना है। ऑब्जर्वर का निर्णय सर्वोपरि है। ऑब्जर्वर के निर्णय के बाद कार्य करना है।  
गोपनीयता कानून और दंड
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 128 अंतर्गत निर्वाचन कार्य की गोपनीयता भंग होने पर, धारा 136 के 1 से 4 तक कोई भी ईवीएम या मत को नुकसान, छल करने पर, धारा 129 प्रत्याशी के हित में कार्य करने पर नियमानुसार 2 से 3 वर्ष का जेल की सजा का प्रावधान है।
सावधानी
 प्रत्याशी के क्रम अनुसार गिनती करेंगे ज्यादा वोट पाने वाले प्रत्याशी की गिनती पहले नही करना है। सीयू से प्राप्त मतों की संख्या और वी.वी.पैट में अंतर आने पर वी.वी.पैट के मत को मान्य किया जाएगा। सुपरवाइजर और माइक्रोआब्जर्वर का गणना एक समान है कि नही अंतिम निर्णय भरने के पूर्व मैच कर लेना चाहिए।

 

Share On WhatsApp