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29-May-2024 11:42:10 am
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स्पेक्ट्रम नीलामी की सीमित बोली के बीच जियो से ज्यादा बोली लगा सकती है एयरटेल

नईदिल्ली। भारती एयरटेल आगामी नीलामी में बाजार की अग्रणी रिलायंस जियो की तुलना में ज्यादा स्पेक्ट्रम के लिए संचयी रूप से बोली लगा सकती है। विश्लेषकों के अनुसार स्पेक्ट्रम के नवीनीकरण की जरूरत और कुछ सर्कलों में 900 मेगाहर्ट्ज की जरूरत के कारण ऐसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि आगामी नीलामी में नरम बोली की संभावना के बावजूद जियो की तुलना में एयरटेल ज्यादा बोलियां लगा सकती है।
एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हालांकि भारती और वी को कुछ सर्कलों में 900 मेगाहर्ट्ज का नवीनीकरण कराना है, लेकिन भारती इस अवसर का उपयोग अपनी एक गीगाहर्ट्ज से कम वाली होल्डिंग मजबूत करने के लिए भी कर सकती है।’
इस निवेश सलाहकार फर्म को उम्मीद है कि एयरटेल का 10,400 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम व्यय जियो के 900 करोड़ रुपये के परिव्यय और वोडाफोन आइडिया (वी) के 1,200 करोड़ रुपये के परिव्यय से ज्यादा हो सकता है। उसका कहना है कि अगर दूरसंचार कंपनियां सबसे सहज भुगतान विकल्प चुनती हैं तो वित्त वर्ष 25 में सरकार की प्राप्तियां 1,200 करोड़ रुपये होंगी।
विश्लेषकों ने नीलामी अधिसूचित होने के बाद मार्च में अनुमान जताया था कि भारती एयरटेल को छह सर्कलों में 1800 मेगाहर्ट्ज और 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में कम से कम 42 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लाइसेंस का नवीकरण कराना है। इसलिए यह दूरसंचार कंपनी आरक्षित कीमत पर 3,800 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इस बीच जियो ने जो शुरुआती संकेत दिए थे, उनकी तुलना में वह काफी कम स्पेक्ट्रम ले सकती है। चूंकि जियो के पास पहले से ही पर्याप्त स्पेक्ट्रम हैं, इसलिए वह सर्वाधिक धरोहर राथि (ईएमडी) के बावजूद केवल चार सर्कलों में 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए ही बोली लगा सकती है। रिलायंस जियो ने सबसे अधिक 3,000 करोड़ रुपये जमा किए हैं।

 

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