छत्तीसगढ़

24-May-2024 12:10:38 pm
Posted Date

मीटर गड़बड़ी की समय पर शिकायत नही करना उपभोक्ताओं पर पड़ेगा भारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत वितरण में निष्पादन संबंधी मानक विनिमय-2020 में किए गए बदलाव पर अब अमल करते हुए एक्शन लेने की तैयारी कर ली है।
अब बिजली मीटर से संबंधित गड़बड़ी की शिकायत समय पर नहीं करने पर उपभोक्ताओं को जेब से भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि मीटर संबंधी शिकायत आने पर जैसे मीटर जलने पर शहरों में 24 घंटे और गांव में 72 घंटे में बदलकर नया मीटर लगवाना अनिवार्य होगा।
वहीं इसके साथ ही हर महीने मीटर की रीडिंग भी करनी होगी। वहीं इस काम में देरी होने पर पहले महीने के लिए उपभोक्ताओं को पांच सौ और उसके बाद के प्रतिमाह एक हजार रुपये टैक्स देना होगा। राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के एमडी राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि मीटर जलने संबंधित अधिकारियों को सूचना मिलने पर मीटर ड्रा करने की कार्रवाई की जाती है।
केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत अब प्री पैड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिसके बाद यह समस्या अपने आप ही हल हो जाएगी।
आरडीएसएस योजना का लक्ष्य इस अंतर को कम करना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बिजली से अर्जित धन इसे प्रदान करने की लागत के लगभग बराबर हो। इस योजना का उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2024-25 तक इस अंतर को पूरी तरह खत्म करना है।
24 घंटे में उपभोक्ताओं को देना होगा सूचना
आयोग ने कहा है कि एक संवर्ग के शहर एवं नगरीय क्षेत्रों में चार घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्र में 24 घंटे बिजली गुल होने की शिकायत उपभोक्ताओं को विभाग में 24 घंटे के भीतर करनी होगी। शिकायत नहीं करने की स्थिति में कंपनी की जवाबदेही नहीं होगी और प्रभावित उपभोक्ताओं पर हर दिन के लिए 500 रुपए प्रतिकर लगेगा।
इसी तरह लाइन ब्रेक डाउन, माइनर ब्रेक डाउन छह घंटे से मेजर ब्रेक डाउन 24 घंटे ए संवर्ग के शहरों एवं नगरीय क्षेत्रों में होता है तथा माइनर ब्रेकडाउन 12 घंटे या मेजर ब्रेकडाउन ग्रामीण क्षेत्र में दो दिन तक होता तो भी उपभोक्ता को हर दिन के 500 रुपए देने होंगे।
आयोग की अधिसूचना के मुताबिक मीटर संबंधी शिकायत होने के बाद वितरण लाइसेंसी त्रुटिपूर्ण, बिना कार्यरत (बंद धीमे एवं तेजी से चलने) मीटर की पहचान के लिए निरीक्षण किया जाएगा। यह निरीक्षण ए संवर्ग के शहरों क्षेत्रों में चार दिन, नगरीय क्षेत्र में सात दिन, ग्रामीण क्षेत्र में 12 दिन की समय सीमा में किया जाएगा।
खराबी का पता लगने पर वितरण लायसेंसी द्वारा मीटर को बदला जाएगा। शहरों और नगरीय क्षेत्रों में यह काम 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घंटे से अधिक नहीं होगा।
यदि मीटर प्रथम दृष्टया दोषपूर्ण या जला या चोरी पाया जाता है, जिसका कारण उपभोक्ता नहीं तो लाइसेंसी को आयोग द्वारा दी गई समय सीमा के भीतर अपनी लागत पर नए मीटर के माध्यम से आपूर्ति बहाल करनी होगी। यदि जांच में उपभोक्ताओं की वजह से मीटर खराब हो गया है, जल गया या चोरी हो गया है तो उसका शुल्क उपभोक्ताओं से वसूल किया जाएगा।

 

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