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नई दिल्ली 22 मई । बिना कर्ज के मासिक किस्त काट लेना आईडीएफसी बैंक को महंगा पड़ गया है। इस मामले में अब एक उपभोक्ता अदालत ने बैंक को निर्देश दिया है कि नवी मुंबई के उस व्यक्ति को एक लाख रुपये का मुआवजा दे।
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (मुंबई उपनगर) ने बैंक को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए उसे ग्राहक को ब्याज सहित 5,676 रुपये की श्वरूढ्ढ राशि वापस करने के लिए भी कहा। आयोग ने पिछले महीने पारित आदेश को हाल में उपलब्ध कराया।
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसे पता चला कि बैंक ने फरवरी, 2020 में अपनी पनवेल शाखा में उसके खाते से उस लोन के लिए श्वरूढ्ढ काट ली है, जो उसने लिया नहीं था। पूछताछ करने पर बैंक ने शिकायतकर्ता को बताया कि उसे एक ईमेल भेजकर बताया गया था कि यह एक ईसीएस भुगतान था। वह व्यक्ति जब बैंक शाखा में गए, तो उन्हें एक लोन खाता दिया गया।
हालांकि, जब उन्होंने खाते में लॉग इन किया, तो उन्हें ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन का एक ऐसा वाउचर मिला जिसकी अवधि समाप्त हो चुकी थी।
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