कोरबा। ग्रीष्म काल में बढ़ते तापमान के कारण वैसे ही जनजीवन पर मुश्किल होती है। वही हिंदू कैलेंडर के जेस्ट महीने की शुरुआत के साथ लगने वाला नौतपा गर्मी में तडका लगाने वाला होता है । 2 दिन बाद यह शुरू हो रहा है। मौसम विभाग ने इस अवधि में चलने वाली हीट वेव (लू) को लेकर लोगों को सतर्क किया है। कहां गया है कि इस दौरान लापरवाही बरतने से दिक्कत हो सकती हैं।
बताया गया कि हीट वेब अत्यधिक गर्म मौसम की अवधि है जो आमतौर पर दो या उससे अधिक दिनों तक रहती है। जब तापमान किसी दिए गए क्षेत्र के सामान्य औसत से अधिक हो जाता है तो उसे हीट वेव कहते हैं। लू की घटनाएं मौसम में दिन-प्रतिदिन बदलाव का एक स्वाभाविक हिस्सा हैं। जैसे-जैसे पृथ्वी की जलवायु गर्म होती जा रही है, वैसे-वैसे दिन और रात सामान्य से अधिक गर्म होते जा रहे हैं और हीट वेव की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे मौतों और बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है।भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, जब मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक और पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है तो लू चलने लगती है। यदि तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो यह खतरनाक लू की श्रेणी में कही जाती है। तटीय क्षेत्रों में जब तापमान 37 डिग्री सेल्सियस हो जाता है तो भी लू चलने लगती है। कोरबा में हीट वेव मुख्य रूप से अप्रैल से जून के दौरान होती है। दावा किया जा रहा है कि ग्लोबल चेंज के कारण इस प्रकार की परिस्थितियों में काफी बदलाव हो रहे हैं। चारों दिशाओं से बिजली घरों से गिरे कोरबा जिले में तापमान का स्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में मौसम के रुख का भी बड़ा असर ग्रीष्मकाल में पड़ता है। इधर नौतपा की शुरुआत से पहले जिस प्रकार का रवैया बना हुआ है उससे लोग आशंकित हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जन सामान्य को कहा गया है कि वह घरों से बाहर निकालने के दौरान इस बात को सुनिश्चित करने की उन्होंने कुछ खाया पिया है या नहीं। चेहरे और शरीर को ढकना इस सीजन में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और ऐसा करने से आप हीट वेव के प्रभाव से काफी हद तक बच सकते हैं।
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