व्यापार

14-May-2024 11:17:20 pm
Posted Date

विजय माल्या, नीरव मोदी की तरह अब कोई भी नहीं डकार सकेगा बैंकों का पैसा, आरबीआई लेकर आई ये नया नियम

नई दिल्ली  ।  बैंकों का पैसा लेकर अब कोई विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे लोग नहीं भाग सकेंगे। आरबीआई बैंकों पर लगाम लगाने के लिए लगातार नियमों में बदलाव कर रही है। आरबीआई नहीं चाहता कि बैंक ज्यादा संख्या में कर्ज दें। ताकि बैंकों को भविष्य में लोन वसूलने में दिक्कतों का सामना न करना पड़े। आरबीआई अब नया नियम लेकर आई है। जिस तहत एक सीमित दायरें में भी बैंको को लोन बांटने को कहा गया है।
इस समस्या से लडऩे के लिए केंद्रीय बैंक ने एक उपाय निकाला है। दरअसल बैंकों और एनबीएफसी को प्रोजेक्ट फाइनेंस लोन के लिए अधिक परसेंटेज अलॉट करने की जरूरत हो सकती है। बैंकों को संभावित नुकसान के लिए रिजर्व में पैसा अलग रखना होता है। इससे शेयरधारकों के लिए कम लाभांश और भविष्य के निवेश के लिए कम पूंजी उपलब्ध हो सकती है। बैंक ग्राहको को उनके हिसाब से लोन देता है। छोटे ग्राहकों को रिटेल लोन दिए जाते हैं। घर या अन्य संपत्ति को सिक्योरिटी के तौर पर रखा जाता है। अकाउंट में लोन आने के साथ ही ईएमआई शुरू हो जाती है। वहीं बड़े कर्जों करोड़ रुपये में होते है। बड़े कर्जों में को सडक़, पुल आदि योजनाओं के लिए दिया जा सकता है। वैसे कर्जों को किमत के आधार पर दिया जाता है।
बैंक अपने मुनाफे का सारा हिस्सा एक साथ खर्च नहीं करते हैं। एक हिस्सा भविष्य में जोखिम भरे कर्जों से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए रखते हैं। आरबीआई के नियमों के अनुसार, बड़े कर्जों के लिए बैंक आमतौर पर अपनी ओर से किए गए कर्जों का 0.4 फीसदी प्रोवीजन रखते हैं। इन चीजों को ध्यान में रखते हुए क्रक्चढ्ढ इसमें कुछ बदलाव करना चाहता है। दरअसल बड़े कर्जों के लिए बैंक आमतौर पर अपनी ओर 0.4 फीसदी प्रोवीजन रखते हैं। क्रक्चढ्ढ चाहती है की उसे बढ़ा कर 5 फीसदी तक कर दिया जाना चाहिए। कई सरकारी और निजी बैंक शेयरों में 9 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। ऐसे में बैंक बढ़े हुए प्रोविजन की भरपाई के लिए अलग तरीकों की भी तलाश कर सकते हैं। इससे बैंकों पर लाभ कमाने या अपने कर्ज को बढ़ाने का दबाव पड़ सकता है। ऐसा न करने पर शेयरहोल्डर नाराज हो सकते हैं।

 

Share On WhatsApp