छत्तीसगढ़

07-May-2024 7:50:20 pm
Posted Date

रोजगार दिवस में श्रमिकों को गांव में उत्पादकता बढ़ाने वाले अवसरों की दी जानकारी

0 मनरेगा श्रमिकों को मिला 7 लाख 85 हजार मानव दिवस का रोजगार

रायपुर। जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत विभन्न रोजगार मुलक कार्य संचालित किये जा रहे है। इन कार्यों से जिले के 52 हजार 2 सौ 88 श्रमिकों को सीधे लाभ मिला रहा है। योजना के तहत वित्तीय वर्ष में प्रत्येक परिवार, जिसके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक कार्य करने के लिए स्वेच्छा से आगे आते हैं, उन्हें योजना अतर्गत कम से कम 100 दिनों का गारंटीशुदा रोजगार उपलब्ध कराने का प्रावधान, रोजगार के लिए पजीकृत आवेदक को 15 दिवस में कार्य देने, अधिनियम के तहत प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिवस के रोजगार के साथ ही ग्राम में जनोपयोगी एवं उत्पादकता बढ़ाने वाले संपत्तियों के सृजन का अवसर दिये जाने की जानकारी श्रमिकों को दी गई।
तत्संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव ने बताया कि नया तालाब निर्माण, डबरी निर्माण कार्य, सिंचाई नहर नाली निर्माण कार्य, हितग्राही मूलक कार्य भूमि सुधार, डबरी निर्माण कार्य, व्यक्तिगत कुंआ निर्माण कार्य, पुराने जलाशय नाला सफाई एवं पुनरूद्धार कार्य, तालाब गहरीकरण एवं पचरी पींिचंग कार्य, तालाब में इनलेट आउटलेट निर्माण कार्य, जल निकासी कच्ची नाली निर्माण कार्य, मिट्टी सडक़ निर्माण कार्य, हितग्राही मूलक कार्य नाडेप टंकी निर्माण कार्य, हितग्राही मूलक कार्य सोकपिट निर्माण कार्य, हितग्राही मूलक कार्य बकरी शेड निर्माण कार्य, सामुदायिक कम्पोस्ट निर्माण कार्य, सामुदायिक नाडेप टैंक निर्माण कार्य, ठोस अपशिष्ट तरल प्रबंधन कार्य, प्रधानमंत्री आवास में 90 दिन मजदूरी कार्य कराये जा रहे हैं। योजना के तहत 28 लाख 43 हजार मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा को बढ़ाने के उद्देश्य से श्रमिकों द्वारा 7 लाख 85 हजार मानव दिवस सृजित किया गया है। अप्रैल माह से श्रमिकों को प्रति दिवस 243 रूपये का मजदूरी भुगतान किया जा रहा है।
सुश्री रोमा श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि रोजगार दिवस के आयोजन में मनरेगा से जुड़ी समस्याओं का समाधान ग्राम पंचायत स्तर पर की जाने, नवीन जॉब कार्ड, लंबित मजदूरी भुगतान, कार्य मांगने सहित अन्य जानकारी से श्रमिकों को अवगत कराया जाता है,  जिससे छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान और श्रमिकों को मजदूरी के लिए कई किलोमीटर का सफर कर जिला मुख्यालय पहुंचने की जरूरत नहीं पड़ती।

 

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