छत्तीसगढ़

15-Feb-2019 11:11:52 am
Posted Date

सायकल वितरण का मुद्दा सदन में उठा

0-स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा-घटिया स्तर के सायकलों का परीक्षण व ठीक करा कर जल्द बच्चियों को वितरित करेंगे 
0-मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा सदस्यों ने सदन से किया बहिर्गमन 

रायपुर, 15 फरवरी । छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को प्रदेश की स्कूल बच्चियों को सायकल वितरण नहीं कराऐ जाने का मुद्दा उठा। इस मुद्दे पर स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि स्कूलों में सायकल वितरण का काम जारी है और चूंकि घटिया स्तर की सायकलें पूर्ववर्ती सरकार के समय में खरीदी गई थी इसलिए उन सायकलों का परीक्षण कराने के बाद उन्हें ठीक करके जल्द ही बच्चियों को सायकलें वितरित की जाएंगी। मंत्री ने यह भी कहा कि घटिया स्तर की सायकलों की सप्लाई करने के मामले में वे जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगे। 
प्रश्रकाल में आज भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने शैक्षणिक वर्ष 2018-19 में स्कूलों में सायकल का आबंटन के बारे में जानकारी मांगते हुए कहा कि चालू शिक्षा सत्र समाप्ति की ओर है और अब तक प्रदेश  के कई स्कूलों में बच्चियों को सायकलें नहीं मिल पायी है। सायकलों को बांटा नहीं जा रहा है। सरकार ने इस पर रोक लगा रखी है। इसके जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि सायकलें वितरण का काम जारी है। चालू शिक्षा सत्र में अब तक 11986 सायकलों के विरूद्ध 3049 सायकलों का वितरण कर दिया गया है। उन्होंने शेष सायकलों का वितरण नहीं किए जाने के पीछे घटिया स्तर की सायकलें होना बताया। मंत्री ने कहा कि घटिया सायकलों का पहले परीक्षण कराया जाएगा फिर उसे ठीक करके जल्द से जल्द वितरित किया जाएगा।    कांग्रेस सदस्य सत्यनारायण शर्मा ने मंत्री से मांग की कि क्या वे घटिया स्तर की सायकलें देने वाली कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई कराएंगे। मंत्री ने कहा कि मैं इसकी जांच कराकर कार्रवाई कराउंगा। भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सवाल घटिया स्तर की सायकलों का नहीं है सवाल ये है कि जिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते सायकलें नहीं बांटी जा सकी है क्या उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सरकार करेगी। उन्होंने मंत्री से मांग की कि इस मामले की जांच कराकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मंत्री ने इसके जवाब में कहा कि जल्द से जल्द शेष सायकलों का वितरण किया जाएगा। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

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