छत्तीसगढ़

15-Feb-2019 11:10:22 am
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बूथ, सेक्टर व जोन को छोटा कर कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं की नई फ ौज खड़ा करने की बनाई योजना

बिलासपुर, 15 फरवरी ।  15 साल बाद राज्य की सत्ता पर काबिज होते ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नजर अब केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनाने व राहुल गांधी के हाथ मजबूत करने की तैयारी पूरी कर ली है। इसी कड़ी में राज्य की सभी 11 लोकसभा सीटों को जीतने के उद्देश्य से कांग्रेस ने बूथ मैनेजमेंट पर खास ध्यान शुरू कर दिया है। सेक्टर व जोन की सीमाओं में कटौती करते हुए इसे आधा कर दिया है। जोन व सेक्टर में पोलिंग बूथों की संख्या को घटाकर मैदानी कार्यकर्ताओं की नई फौज तैयार करने की योजना को अमलीजामा पहनाने की कोशिश शुरू हो गई हैं। लोकसभा चुनाव के पहले मैदानी क्षेत्र में कांग्रेस की रणनीति नजर आने लगेगी ।
कांग्रेस ने छोटे चुनाव की तर्ज पर इस बार मतदान केंद्रों के प्रबंधन की तैयारी शुरू कर दी है। ग्राम पंचायतों के चुनाव में जिस तरह एक-एक वार्ड और एक-एक घर पर फोकस किया जाता है। ठीक उसी तर्ज पर लोकसभा चुनाव के दौरान गांवों में एक-एक वार्ड के एक-एक घरों के मतदाताओं से संपर्क करने के लिए वार्ड को मोहल्लों और गलियों में बांटा जा रहा है। मोहल्ला और गली को अपनी रणनीति के तहत बूथ का दर्जा देंगे। मसलन एक गली में अगर पांच से छह घर आते हैं तो इन घरों और यहां रहने वाले मतदाताओं से संपर्क करने और कांग्रेस के पक्ष में वोट डलवाने की जिम्मेदारी यहीं रहने वाले कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की रहेगी । इसी तरह एक गली में अगर छह से सात घर आते हैं तो इसे बूथ बनाकर बूथ अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और सात सदस्यों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी । कांग्रेस की रणनीति है कि एक-एक पदाधिकारी मतदान से पहले कम से कम एक दर्जन बार अपने प्रभार वाले मतदाताओं से संपर्क करेंगे और कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने के लिए उनको राजी कर लेंगे। रणनीतिकारों का मानना है कि अगर किसी मतदाता के घर बार-बार जाकर संपर्क करें और उनसे शालीनता के साथ अनुरोध करें तो वे आखिरकार वोट देने राजी हो ही जाएंगे। कांग्रेस की रणनीति भी यही है कि बेहद शांति और शालीनता के साथ मतदाताओं को राजी किया जाए । विधानसभा चुनाव के दौरान की व्यवस्था पर नजर डालें तो पीसीसी ने सेक्टर व जोन बनाकर बूथ मैनेजमेंट की तैयारी को अंजाम दिया था। तब एक सेक्टर में 10 से 12 पोलिंग बूथों को शामिल किया गया था। इसी तरह एक जोन में 15 से 20 बूथों को रखा गया था। बूथों की संख्या अधिक होने और पदाधिकारियों की संख्या कम होने के कारण प्रभावीतौर पर मतदाताओं से संपर्क भी नहीं हो पाता था। लोकसभा चुनाव से पहले पीसीसी के रणनीतिकारों ने सेक्टर व जोन की सीमाओं में कमी करने का निर्णय लिया है। सेक्टर व जोन में पोलिंग बूथों की संख्या को घटाकर नए सिरे से नए सेक्टर व जोन का गठन करने खाका तैयार कर लिया है। सेक्टर व जोन की सीमा कम होने और नए सेक्टर व जोन के गठन से पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की संख्या में भी इजाफा होगा। अधिक संख्या में सेक्टर व जोन प्रभारियों व पदाधिकारियों की मौजूदगी के कारण मतदाताओं से प्रभावी तरीके से संपर्क होगा व पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में मदद भी मिलेगी ।
00 मतदान केंद्रों पर फोकस के साथ ही बूथ प्रभारियों की संख्या में बढ़ोतरी भी
0 एक बड़ा बदलाव-सेक्टर व जोन की सीमा को कम कर दिया है। पहले एक सेक्टर में 10 से 12 पोलिंग बूथों को शामिल कर बूथ अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व आठ सदस्यों को शामिल किया जाता था। अब सेक्टर में बूथों की संख्या को पांच से छह कर दिया है। इसी हिसाब से बूथ अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति की जा रही है। मतलब साफ है पहले की तुलना में सेक्टर में पदाधिकारियों व सदस्यों की संख्या दोगुनी हो जाएगी । सेक्टर छोटा होने से सेक्टरों की संख्या भी बढ़ जाएगी । इसी तरह जोन को भी छोटा किया जा रहा है। एक जोन में पहले 15 से 18 बूथों को शामिल किया जाता था । अब इसमें आठ से नौ बूथों में रखा गया है। इसी हिसाब से पदाधिकारियों व सदस्यों की तैनाती भी की जा रही है।
0 बिलासपुर जिले में सात विधानसभा क्षेत्र को शामिल किया गया है। कांग्रेस की रणनीति पर गौर करें तो आठ विधानसभा क्षेत्र को 40 जोन और 260 सेक्टरों में पहले विभाजित किया था। अब नई रणनीति के तहत 80 जोन और 520 सेक्टरों में पदाधिकारियों व मैदानी कार्यकर्ताओं की फौज लोकसभा चुनाव में नजर आएगी ।
0 भाजपा की ऐसी व्यवस्था
0 भाजपा ने प्रत्येक मंडल को सेक्टर में विभाजित किया है। संगठनात्मक दृष्टिकोण से भाजपा ने जिले को 31 मंडलों में बांट दिया है। प्रत्येक मंडल को चुनावी नजरिए से सेक्टर में तब्दील कर दिया है। प्रत्येक सेक्टर को आठ जोन में विभाजित कर दिया है।
0 ऐसी है संगठनात्मक संरचना - बूथों में स्थिति-बूथ प्रभारी,बूथ पालक,बूथ अध्यक्ष व सात सदस्य ।
0 विधानसभा चुनाव के दौरान बूथ पालक की भूमिका में स्थानीय विधायक व मंत्री को शामिल किया गया था ।
0 सेक्टर की स्थिति-सेक्टर प्रभारी,अध्यक्ष व आठ सदस्य ।
0 सेक्टर की जिम्मेदारी -स्थानीय मंत्री व विधायक को दी गई थी।
0 अब बनेगी ऐसी स्थिति
0 बिलासपुर जिले में पोलिंग बूथों की स्थिति-1776
0 भाजपा के पास बूथ मैनेजमेंट के लिए पदाधिकारियों की संख्या- 17 हजार 760
0 कांगे्रस के पास बूथ मैनेजटमेंट के लिए पदाधिकारियों की संख्या- 53 हजार 280
0 भाजपा में पन्ना प्रभारी,कांग्रेस में इसकी जिम्मेदारी सेक्टर प्रभारियों को
0 विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने प्रत्येक पोलिंग बूथों में पन्ना प्रभारियों की तैनाती की है। मतदाता सूची के एक पन्ने के लिए एक प्रभारी की नियुक्ति की गई थी । कांग्रेस में यह व्यवस्था सेक्टर इंचार्ज के हवाले थी। सेक्टर के प्रभारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी ।
0 विधानसभावार पोलिंग बूथों की संख्या
0 विधानसभा क्षेत्र का नाम पोलिंग बूथों की संख्या महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं की संख्या
0 मरवाही 237 93511 90293
0 कोटा 263 98676 98991
0 तखतपुर 281 109059 113504
0 बिल्हा 192 130304 135337
0 बिलासपुर 226 107450 108467
0 बेलतरा 250 102217 107762
0 मस्तूरी 333 132192 137593
वर्जन
लोकसभा चुनाव के लिए पीसीसी ने बूथ,जोन व सेक्टर की सीमाओं में बदलाव का निर्णय लिया है। सेक्टर व जोन में अब पोलिंग बूथों की संख्या में कमी कर नया सेक्टर व जोन बनाने की योजना बनाई है। जल्द ही नया सेक्टर व जोन बनाकर पदाधिकारियों की तैनाती की जाएगी ।
अभयनारायण राय-प्रवक्ता,पीसीसी छग

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