छत्तीसगढ़

20-Apr-2024 12:24:39 pm
Posted Date

बाल विवाह रोकथाम पर प्रशासन की सख्ती : रामनवमी में बाल विवाह होने की नही मिली शिकायत

रायगढ़।  कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देश पर जिले में बाल विवाह रोकथाम के लिए कार्ययोजना बनाकर टीम गठित की गई थी। बाल विवाह की रोकथाम हेतु जिला प्रशासन द्वारा सभी स्तरो पर सख्ती बरतने के फलस्वरूप जिले में रामनवमी के दिन बाल विवाह होने संबंधी कोई शिकायत प्राप्त नही हुई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, रायगढ़ ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ क्षेत्रो में रामनवमी तथा अक्षय तृतीया के अवसर पर विवाह कराने की परम्परा है। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में 8 बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर जिला प्रशासन की टीम द्वारा समझाईश देकर बाल विवाह रोका गया था। बाल विवाह केवल सामाजिक बुराई ही नही अपितु कानूनन अपराध भी है, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बाल विवाह पर पूर्णत: प्रतिबंध है, बाल विवाह में शामिल होने वाले माता-पिता पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही का प्रावधान है, कोई भी व्यक्ति जो जानबूझकर ऐसी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करता है उसे 02 वर्ष तक के कठोर करावास अथवा जुर्माना जो कि 01 लाख रूपये तक हो सकता है। बाल विवाह से महिलाओं के कम उम्र मे शादी करने से बच्चों मे कुपोषण की संभावना, मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर एवं घरेलू हिंसा में वृद्धि होती है, जो समाज के लिए चिंताजनक है, जो सामाजिक बुराई को बढ़ावा भी देती है, जो बालको की सर्वोत्तमहित मे नही है। अत: जिला प्रशासन बाल विवाह की रोकथाम हेतु चौकस है तथा आगामी 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया में बाल विवाह की संभावना को देखते हुए कलेक्टर द्वारा सजग रहने के निर्देश दिये है।

 

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