रायपुर। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी राजधानी रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में नव अप्रैल से धूमधाम से नवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। चैत्र नवरात्र जिसे वासंती नवरात्र भी कहते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार मां दुर्गा के नवस्वरूपों की नवरात्रि में विधिविधान से पूजन करने पर श्रद्धालुओं को न केवल अक्षय सुखों की प्राप्ति होती है अपितु उनके जीवन में आने वाली विघ्न बाधाओं को मां हर लेती है। चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर राजधानी रायपुर के प्राचीन मंदिर कलचुरि कालीन मां महामाया मंदिर पुरानी बस्ती, मां दंतेश्वरी मंदिर कुशालपुर, कालीमाता मंदिर महादेवघाट, आमापारा एवं आकाशवाणी रायपुर मरहीमाता मंदिर, बंजारी माता मंदिर, मावली माता मंदिर, कंकाली मंदिर, चंद्रहासिनी मंदिर चंद्रपुर, रतनपुर महामाया मंदिर, अंबिकापुर, बम्लेश्वरी माता मंदिर डोंगरगढ़ सहित प्रदेश के माता देवालयों में श्रद्धालुओं द्वारा माता के दर्शन के साथ ही जगराता भजन कीर्तन आदि का आयोजन किया जाएगा। इस हेतु समस्त माता देवालयों में नवरात्रि की तैयारियां एवं श्रृंगार आदि के संबंध में मंदिर समिति के सदस्यों द्वारा बैठकों का दौर जारी है। जंवारा बोना एवं घी एवं तेल के ज्योति कलशों के रखरखाव की तैयारियां जारी है।
गौरतलब है कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी रायपुर सहित प्रदेश के अनेक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों से मां बम्लेश्वरी के दरबार डोंगरगढ़ के लिए पदयात्रियों का जत्था बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आठ अप्रैल की शाम को रवाना होगा। मुख्य सचिव छग शासन डीजीपी छग एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा दुर्ग संभाग के आयुक्त एवं जिलाधीशों एवं पुलिस अधीक्षको ंको पदयात्रियों की सुरक्षित पदयात्रा के लिए आवश्यक निर्देश जारी किये गये हैं।
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