छत्तीसगढ़

13-Feb-2019 11:10:14 am
Posted Date

आईआईएम के बाउण्ड्रीवाल से चेरिया-पौंता के ग्रामीणों का आवागमन हुआ बाधित : धनेन्द्र साहू

0-नया रायपुर विकास प्राधिकरण ने अब तक नहीं बनाया सडक़
रायपुर, 13 फरवरी । विधानसभा में आज ध्यानाकर्षण के माध्यम से धनेन्द्र साहू ने ग्राम चेरिया-पौंता के निकट आईआईएम द्वारा बाण्ड्रीवाल किए जाने से दोनों ग्रामों के लोगों के आवागमन बाधित होने का मामला उठाया। इसके जवाब में आवास एवं पर्यावरण मंत्री ने बताया कि ग्रामीणों के सुगम आवागमन के लिए यहां नया रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा सडक़ बनाया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में ग्रामीण पुराने मार्ग से ही आवागमन कर रहे हैं, सडक़ बन जाने के बाद ग्रामीणों का आवागमन और सुगम हो जाएगा। 
धनेन्द्र साहू ने अपने ध्यानाकर्षण में कहा कि-नया रायपुर (अटल नगर) विकास प्राधिकरण द्वारा ग्राम चेरिया एवं ग्राम पौंता हेतु लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई सडक़ जो कि लोगों के आवागमन का एकमात्र साधन था जिसे आईआईएम संस्थान को आवंटित कर दिया। आईआईएम संस्थान के अधिकारियों द्वारा इस पर पक्के बाउण्ड्रीवाल का निर्माण करके उक्त दोनों ग्राम की सडक़ को अपनी सीमा के अंदर लेकर आवागमन को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। दोनों ग्रामों के लोगों को अन्य दूरस्थ ग्रामों से तथा खेत-खार एवं पगडंडियों से होकर गुजरना पड़ रहा है। अभी तक नया रायपुर-अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा इन ग्रामों के लोगों के आवागमन हेतु बाउण्ड्री के बाहर से भी सडक़ का निर्माण नहीं किया जा रहा है। जिससे पौंता एवं चेरिया दोनों ग्रामों के हजारों लोगों को काफी अधिक तखलीफों का सामना करना पड़ रहा है। जनता में शासन के प्रति काफी रोष एवं आक्रोश व्याप्त है। 
इसके जवाब में अपना वक्तव्य प्रस्तुत करते आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने सदन को बताया कि अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा आईआईएम संस्थान को संस्थान स्थापना हेतु कुल 81.56 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। आवंटित भूमि में से संस्थान को कुल 80.92 हेक्टेयर भूमि का आधिपत्य दिया गया। उक्त भूमि में से खसरा क्रमांक 671 रकबा 0.81 हेक्टेयर भूमि जो कि ग्राम पौंता की आबादी से बंजारी की ओर जाने वाले रास्ते के रूप में राजस्व अभिलेखों में दर्ज है, भी शामिल है। इस मार्ग से पौंता एवं चेरिया के लोगों को आवागमन होता रहा है। संस्थान द्वारा आधिपत्य में दी गई भूमि की सीमा के चारों तरफ बाण्ड्रीवाल का निर्माण वर्ष 2012-13 में किया गया है। वर्ष 2018 में संस्थान द्वारा शिक्षण कार्य प्रारंभ किया गया। शिक्षण कार्य प्रारंभ होने के बाद निर्मित बाण्ड्रीवाल के चार हिस्सों में गेट का निर्माण किया गया। उक्त निर्माण कार्य के परिणाम स्वरूप दोनों ग्रामों के संस्थान के भीतर बने वैकल्पिक मार्ग से आवागमन हो रहा है। आईआईएम को भूमि आवंटन की शर्त में यह उल्लेखित है कि विकास योजनांतर्गत प्रस्तावित सडक़ों के निर्माण तक पुराने प्रचलित मार्गों पर सार्वजनिक आवागमन का अधिकार यथावत रहेगा। इस प्रकार यह कहना सही नहीं है कि, आवागमन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है तथा लोगों को अन्य दूरस्थ ग्रामों से एवं खेतखार एवं पगडंडियों से होकर गुजरना पड़ रहा है। अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा ग्राम चेरिया एवं पौंता के ग्रामीणों के सुगम आवागमन हेतु निर्मित बाउण्ड्रीवाल के बाहर सडक़ निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इस प्रकार पौंता एवं चेरिया दोनों ग्रामों के हजारों लोगों को तखलीफ का सामना नहीं करना पड़ रहा है तथा जनता में शासन के प्रति रोष एवं आक्रोश की स्थिति नहीं है। 

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