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21-Mar-2024 2:55:01 am
Posted Date

भारत का प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार 21000 करोड़ रूपये के पार

  • प्रत्यक्ष विक्रेता बढ़ कर 86 लाख हुये
  • सक्रिय प्रत्यक्ष विक्रेताओं की संख्या 86 लाख हुई
  • उत्तर क्षेत्र का देश के प्रत्यक्ष बिक्री कुल कारोबार में सर्वााधिक  30  प्रतिशत योगदान
  • वैलनेस एंड न्यूट्रस्यूटिकल्लस श्रेणी में सर्वाधिक बिक्री, सौंदर्य एवं व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद  दूसरे नम्बर पर
  • महाराष्ट्र राज्य का कुल बिक्री में 12 प्रतिशत योगदान

नई दिल्ली। कोरोना महामारी से उपजी तमाम विपरीत परिस्थितियों से उबर कर जोरदार वापसी करते हुये भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग का कारोबार वित्तीय वर्ष 2022-23 में लगभग 12 प्रतिशत की विकास दर दर्ज कर 21282 करोड़ रूपये हो गया है। प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की शीर्ष संस्था इंडियन डायरेक्ट सैलिंग एसोसिएशन (आईडीएसए) की आज यहां जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। अग्रणी रिसर्च कम्पनी कंतार द्वारा संकलित यह रिपोर्ट भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जी. कमला वर्घन राव ने यहां एक कार्यक्रम में जारी की। श्री राव ने इस अवसर पर आईडीएसए को यह रिपोर्ट जारी करने पर बधाई दी। रिपोर्ट के अनुसार प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग के सभी क्षेत्रों में व्यापक सुधार हुआ है तथा कुल बिक्री में वर्ष 2021-22 के मुकाबले 2252 करोड़ रूपये की वृद्धि तथा वर्ष 2019-20 से लेकर 2022-23 तक के चार वर्षों में प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार की औसतन विकास दर (सीएजीआर) जगभग 8.3 प्रतिशत रही है। रिपोर्ट के अनुसार कुल बिक्री में उत्तरी क्षेत्र ने दबदबा बरबरार रखते हुये सर्वाधिक 30 प्रतिशत तथा इसके उपरांत पूर्वी, पश्चमी, दक्षिणी तथा पूर्वोतर क्षेत्र का क्रमश: 25, 22, 15 और नौ प्रतिशत का योगदान किया है। महाराष्ट्र राज्य सर्वाधिक 12 प्रतिशत योगदान के साथ लगातार शीर्ष पर बना हुआ है जबकि उत्तर प्रदेश ने शानदार प्रदर्शन कर प्रश्चिम बंगाल के साथ 10 प्रतिशत की बराबरी हासिल करते हुये दूसरा स्थान हासिल कर लिया है।वेलनेस और न्यूट्रास्युटिकल उत्पाद लगातार उपभोक्ताओं के पसंदीदा बने हुये हैं। सौंदर्य प्रसाधन और व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद इस वर्ग में दूसरे स्थान पर है। दोनों वर्गों का कुल कारोबार में क्रमश: 73.5 और 11.3 प्रतिशत योगदान रहा है। इस दौरान लगभग दो लाख और प्रत्यक्ष विक्रेता इस कारोबार से जुड़े और यह संख्या वर्ष 2021-22 के 84 लाख के मुकाबले बढ़ कर लगभग 86 लाख पहुंच गई है। इनमें ल्रगभग 63 प्रतिशत पुरूष और 37 प्रतिशत महिलाएं हैं।आईडीएसए के अध्यक्ष विवेक कटोच ने कहा “भारत में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग तेजी एक मजबूत बाजार के रूप में उभर रहा है जिसमें प्रगति की असीम क्षमताएं निहित हैं। ताजा सर्वेक्षण रिपोर्ट के उत्साहजनक आंकड़े तथा गत चार वर्षो का सीएजीआर इस तथ्य को मजबूती प्रदान करता है। भारत सरकार के इस उद्योग के लिये बनाये गये नियामक ढांचे के कारण नीतिगत स्पष्टता और  पारदर्शता सुनिश्चत होने से यह उद्योग भविष्य में और मजबूती की ओर अग्रसर है। “मुझे यह बताते हुए भी खुशी हो रही है कि मजबूत विकास दर के बूते भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने अपनी वैश्विक रैंकिंग  में वर्ष 2022 में एक और पायदान का सुधार कर 11वां स्थान हासिल कर लिया है, जो 2019 में 15वां था। हमें पूर्ण विश्वास है कि भारत अनुमानों से पूर्व ही प्रत्यक्ष बिक्री में विश्व के पांच शीर्ष बाजारों में जल्द अपनी जगह बना लेगा। आईडीएसए के उपाध्यक्ष हरीश पंत के अनुसार रिपोर्ट यह दर्शाती है कि भारतीय प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग से इस समय लगभग 86 लाख सक्रिय प्रत्यक्ष विक्रेता जुड़े हुये हैं जिनमें वर्ष 2021-22 के मुकाबले दो लाख की वृद्धि हुई है। यह प्रत्यक्ष बिक्री व्यवसाय में लोगों के बढ़ते विश्वास और आत्मविश्वास को परिलक्षित करता है। इस अवसर पर आईडीएसए से संबद्ध कम्पनियों की प्रत्यक्ष बिक्री क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली लगभग 14 महिला उद्यमियों को भी सम्मानित किया गया।समारोह में आईडीएसए की कोषाध्यक्ष अपराजिता सरकार, सचिव रजत बनर्जी और सदस्य कम्पनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे। 
आईडीएसए के बारे में : - आईडीएसए भारत में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के लिए एक स्वायत्त, स्व-नियमन संस्था है जो प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग और कारोबार को बढ़ावा देने के लिये अनुकूल माहौल बनाने, इसके हितों और इससे जुड़े मुद्दों को लेकर सरकार के निति निर्धारण निकायों के बीच एक माध्यम और सेतु का काम करती है। इसके अलावा यह सरकार के साथा नीतिगत मुद्दों पर मिल कर काम करने और इसमें दक्षता बढ़ाने, प्रत्यक्ष बिक्री में वांछित विश्वसनीयता, स्पष्टता और विश्वास सुनिश्चित करने के लिये एक सलाहकार और परामर्शदाता की भूमिका भी अदा करती है।

 

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