रायपुर, 13 फरवरी । भारतीय विधि परिषद के आह्वान पर रायपुर के अधिवक्ताओं ने मंगलवार को अपना काम बंद रख प्रदर्शन किया। ज्ञात हो कि देशभर के समस्त अधिवक्ताओं ने मंगलवार को दस सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। दस सूत्रीय मांगों को लेकर देशव्यापी कार्य स्थगन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत अधिवक्ता संघ, रायपुर द्वारा न्यायालय परिसर स्थित पार्किंग स्थल पर धरना दे रहे हैं।
प्रदेश अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुरेन्द्र महापात्रा ने बताया कि पिछले 4 सालों से अपनी मांगों को लेकर अधिवक्ता संघ जूझ रहा है। लेकिन अभी कोई भी कार्यवाही नहीं हुई है जिसके लिए आज देशभर के अधिवक्ताओं ने अपने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर काम बंद व धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। अधिवक्ताओं का 10 सूत्रीय मांग इस प्रकार है- अधिवक्ताओं एवं परिवार के लिए 20 लाख रुपए तक की बीमा कवरेज, अधिवक्ताओं के लिए भारत एवं विदेशों के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में मुफ्त में चिकित्सकीय सुविधा/मेडिक्लेम प्रदान किया जाए एवं इस के लिए स्पेशल कॉर्ड उपलब्ध कराई जाए ताकि चिकित्सकीय सुविधा प्राप्त हो सके, शुरुआती तौर पर विधि व्यवसाय में जुडऩे वाले अधिवक्ताओं को पांच वर्ष तक कम से कम 10 रुपए प्रतिमाह स्टायफंड प्रदान किया जाए, वृद्ध/ निर्धन अधिवक्ताओं के असामयिक मृत्यु होने पर कम से कम 50 रुपए प्रतिमाह फैमिली पेंशन दिया जाए, संसद द्वारा अधिवक्ताओं के संरक्षण के लिए अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम, अधिनियमित किया जाए, सभी अधिवक्ता संघों को भवन/निवास स्थान/ बैठक व्यवस्था तथा लायबे्रेरी, ई-लायब्रेरी उपलब्ध कराई जाएं साथ ही महिला अधिवक्ताओं के लिए अलग से शौचालय व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए, ब्याज मुक्त होमलोन/लायब्रेरी लोन प्रदान किया जाए सरकार द्वारा सस्ते मूल्य पर अधिवक्ताओं के लिए गृह निर्माण की व्यवस्था की जाए, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम में इस प्रकार से संशोधन किया जाए कि अधिवक्ता अपने कर्तव्यों के निर्वहन करने में समर्थ हो सके, सभी अधिनियम जो सेवा निवृत्त न्यायाधीश/न्यायिक अधिकारियों को विभिन्न अधिकरण आयोग, फोरम, प्राधिकरण में उनकी सेवा निवृत्ति उपरांत नियुक्ति उपरांत नियुक्ति की जाती है में संशोधन किया जाकर उपरोक्त व्यवस्था में सक्षम अधिवक्ताओं को भी इसमें नियुक्ति की जाए, यदि किसी कारणवश जैसे दुर्घटना, हत्या किसी बीमारी से 65 वर्ष से कम उम्र की आयु के किसी अधिवक्ता की मृत्यु होने पर उनके परिवार/ आश्रितों को 50 लाख रुपए का अनुदान प्रदान किया जाए।