राज्य

11-Feb-2019 12:29:51 pm
Posted Date

विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा दो बजे तक के स्थगित

नयी दिल्ली,11 फरवरी । उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद आसन की अनुमति से केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुएल ओराम ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2019 पेश किया। अरूणाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों की सूची में कुछ और समुदायों को शामिल करने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश, 1950 में संशोधन की खातिर यह विधेयक लाया गया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अनिवासी भारतीय विवाह पंजीकरण विधेयक 2019 पेश किया। इसी बीच तेदेपा के सदस्य आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए आसन के समीप आ गये। वे नारेबाजी भी कर रहे थे। उधर कांग्रेस के सदस्यों ने भी अपने स्थानों से ही नारेबाजी शुरु कर दी। शोरगुल के कारण कांग्रेस सदस्यों की मांग को नहीं सुना जा सका। सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि इन विधेयकों को अभी केवल पेश किया जा रहा है। सदन में सपा और बसपा के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत का मुद्दा उठाते हुये इस पर चर्चा कराने की मांग की। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने भी कोई मुद्दा उठाया। लेकिन हंगामे की वजह से कुछ सुना नहीं जा सका। दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद नायडू ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस मिले हैं लेकिन उन्होंने इन्हें स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। बहरहाल, हंगामा थमते न देख नायडू ने 11 बज कर करीब दस मिनट पर सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी।

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