नई दिल्ली ,10 फरवरी । विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने वैश्विक बाजारों में रेशम व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कपड़ा मंत्रालय को हर संभव मदद देने का शनिवार को आश्वासन दिया। सुषमा ने कहा कि रेशमी कपड़ा उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी मांग है। उन्होंने कपड़ा मंत्रालय के एक कार्यक्रम सर्जिंग सिल्क में यहां कहा, मैं आपको सुनिश्चित करती हूं कि रेशम को वैश्विक बाजार तक ले जाने में विदेश मंत्रालय सहायक मंत्रालय साबित होगा। उन्होंने कहा, आप उत्पादन बढ़ाएं, बाजार उपलब्ध है।
सुषमा ने देश में निर्मित रेशमी साडिय़ों की लोकप्रियता के बारे में कहा कि संयुक्त राष्ट्र आम सभा की बैठकों में उनके समकक्ष इन कपड़ों के रंग, तौर तरीके और डिजाइन की विविधता के बारे में अक्सर बात करते हैं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बीच भले ही राजनीतिक मतभेद हों लेकिन मालाबारी सिल्क पुरस्कार यहां दोनों राज्यों को एक मंच पर खड़ा कर देता है।
कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने इसी कार्यक्रम में कहा कि 2013-14 के बाद से रेशम उत्पादन 41 प्रतिशत बढ़ चुका है। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले रेशम उद्योग को सम्मानित किया गया। श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों को भी कार्यक्रम में पुरस्कृत किया गया। रेशम के कीड़ों के बीज के लिए गुणवत्ता प्रमाणन को लेकर एक मोबाइल ऐप को भी पेश किया गया। उल्लेखनीय है कि भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेशम उत्पादक तथा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। देश का रेशम उत्पादन अभी के 32 हजार टन से बढक़र 2020 तक 38,500 टन पर पहुंच जाने का अनुमान है। उत्पादन बढऩे से देश की आयात पर निर्भरता कम होगी।