छत्तीसगढ़

10-Feb-2019 12:15:24 pm
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यातायात सुरक्षा सप्ताह समाप्त के बाद थाने पड़े सैंकड़ों वाहनों की हो सकती है नीलामी

बिलासपुर, 10 फरवरी ।  इस बार के सडक़ सुरक्षा सप्ताह में सबसे बड़ा आकर्षण रहा- वाहन मेला। जी हां हम बात कर रहे हैं उस वाहन मेंले की जो बिल्कुल अनोखा था, लेकिन सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र भी। बिलासपुर जिले के अलग-अलग थानों में जप्त और लावारिस वाहनों के ढेर लग चुके थे, इससे जहां थानों की शोभा बिगड़ रही थी वहीं इनकी सुरक्षा भी पुलिस के लिए अतिरिक्त जिम्मेदारी बन चुकी थी, जिसे देखते हुए नए पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा और एडिशनल एसपी विजय अग्रवाल ने बिल्कुल अनूठी पहल की। सभी थानों से उन वाहनों को इक_ा कर पुलिस लाइन लाया गया ताकि उनके असली हकदारो तक इन मोटरबाइक को पहुंचाया जाए। पुलिस ग्राउंड के एक हिस्से में कतार से इन वाहनों को रखा गया है, ठीक वैसा ही जैसा कि पुराने वाहनों के विक्रेता खरीदारों के लिए वाहनों को सजाते हैं। लंबे वक्त से इन वाहनों की सुपुर्दगी ना होने से वाहनों की संख्या बेहिसाब बढ़ चुकी है। कानूनी जटिलताओं के चलते वाहनों के मालिक इन्हें हासिल करने में कामयाब नहीं हो पाए थे, लेकिन अब एसपी की पहल से उनके लिए एक नया अवसर आया है । इन वाहनों को पुलिस लाइन में रखने के साथ सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर और चेचिस नंबर की सूची वाहनों की कंपनी के अनुसार बनाई गई है ,जैसे हीरो होंडा, बजाज ,यामाहा आदि कंपनियों की सूची बनाई गई है ,ताकि वाहन मालिक बेवजह उलझे नहीं । पुलिस लाइन में मौजूद सूची को आसानी से सर्च कर वाहनों के असली हकदार रजिस्ट्रेशन नंबर, इंजन -चेचिस नंबर के आधार पर अपने वाहनों की पतासाजी कर सकते हैं । इसका अच्छा प्रतिसाद भी देखा जा रहा है। अब तक 55 से अधिक वाहन मालिकों को उनके वाहन लौटाए जा चुके हैं, वहीं सभी थानों को यह निर्देश दिया गया है कि वे वाहन मालिकों को खोजें और एक तय तिथि पर एक साथ बड़ी संख्या में उन्हें उनके वाहन लौटा कर एक नई मिसाल कायम करें । इसके लिए पुलिस प्रयास कर रही है । लंबे समय से थानों में मौजूद इन चोरी हुए या लावारिस वाहनों को उनके वारिसों तक पहुंचाने के इस काम में पुलिस ने जैसी तत्परता दिखाई है वैसे तत्परता पहले कभी नहीं देखी । चूँकि एसपी ने इस अभियान में तेजी लाने के लिए सभी थाना प्रभारियों को कड़े निर्देश दिए थे इसी का असर है कि वाहन उनके असली हकदारो तक पहुंच रहे हैं। सरकंडा के विनय पटेल, गनियारी के राजा राम, बलौदा बाजार के योगेश यादव जैसे ना जाने कितने नाम हैं, जिन्हें जिन्होंने यह उम्मीद ही छोड़ दी थी कि उनके वाहन उन्हें वापस भी मिल सकते हैं ,लेकिन पुलिस की नई पहल से उनके चेहरे पर मुस्कान खिल उठी है । पुलिस की योजना है कि अधिक से अधिक संख्या में वाहन मालिकों का पता कर उन्हें उनके वाहन लौटा दिया जाए ।उसके बाद भी अगर वाहन शेष रहते हैं तो फिर इसके लिए नीलामी की प्रक्रिया की जाएगी ।यही वजह है कि बड़ी संख्या में कबाड़ी और पुराने वाहनों को खरीदने के इच्छुक लोग भी यहां आकर यहां मौजूद वाहनों का मुआयना कर रहे हैं वाहनों के मालिक ना मिलने पर नीलामी के दौरान उन्हें बेहद सस्ते में यह वाहन मिल सकते हैं। यातायात सुरक्षा सप्ताह समाप्त होने के बाद अब कभी भी नीलामी की जा सकती है। यहां रोजाना सैकड़ों लोग वाहनों को देखने और पहचानने पहुंच रहे हैं।

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