छत्तीसगढ़

04-Jul-2018 5:36:51 pm
Posted Date

बीमा कंपनी ने बनाया था केवल 50 करोड़ का क्लेम, आपत्ति के बाद 466 करोड़ रुपए का बना

राजनांदगांव। बीमा कंपनी ने खरीफ फसल के दौरान सेटेलाइट इमेज ली थी और इस आधार पर 50 करोड़ रुपए का क्लेम तैयार किया था। हमने तुरंत विरोध जताया और इस मामले को बीमा से संबंधित टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी के समक्ष रखा। एडवाइजरी कमेटी को तर्क दिया कि बीमा कंपनी को फसल कटाई प्रयोग का शेड्यूल दिया गया था और वे मौके पर उपस्थित रहकर सत्यापन के लिए स्वतंत्र थे। कमेटी ने तर्क को सही माना और फैसला हमारे पक्ष में आया, इसके बाद एसल कटाई प्रयोग के आधार पर बीमा मिला और 466 करोड़ रुपए का क्लेम तैयार हुआ। यह बात सांसद अभिषेक सिंह ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक में किसानों से कही।
उन्होंने कहा कि किसानों को शासकीय योजनाओं का पूरा लाभ मिले, इसके लिए हम प्रतिबद्ध है। राजनांदगांव के किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का पूरा लाभ उठायें, इसके लिए ही व्यापक तौर पर ग्रामसभा का आयोजन किया गया और किसानों को फसल बीमा के लिए तैयार किया गया। इसका अच्छा परिणाम हुआ और डेढ़ लाख किसानों को फसल बीमा का भुगतान हुआ है और 466 करोड़ रुपए का आबंटन जिले को हुआ है। बैठक में अपर कलेक्टर जे.के. ध्रुव, ओंकार यदु और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। साथ ही पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दिनेश गांधी, भरत वर्मा एवं सांसद प्रतिनिधि रवींद्र सिंह भी उपस्थित थे।
00 दस दिनों में पूरी होगी जांच :
सांसद ने कहा कि कुछ गांवों में किसान भाइयों ने बीमा का लाभ नहीं मिलने की बात कही है। ऐसा किस परिस्थिति में हुआ, इसके संबंध में इन गांवों में जांचदल भेजा जाएगा, जांच में त्रुटि पाई गई तो इसे निराकरण के लिए बीमा कंपनी के पास भेजा जाएगा। कलेक्टर भीम सिंह ने कहा कि दस दिनों के भीतर यह जांच पूरी हो जाएगी। जांच में मुख्य रूप से यह देखा जाएगा कि किसान को सिंचित या असिचिंत श्रेणी में रखने का क्या आधार माना गया। फसल कटाई चिन्हांकित खसरा नंबर पर ही की गई या नहीं। फसल कटाई प्रयोग के पश्चात मिंजाई या तौल की गई या नहीं।
00 हर ग्राम पंचायत में रखी जाएगी फसल बीमा की गाइडलाइन :
कलेक्टर भीम सिंह ने बताया कि फसल बीमा के संबंध में किसानों की जागरूकता बढ़ाने एवं इसकी पूरी प्रक्रिया की जानकारी देने के लिए हर ग्राम पंचायत में ग्रामसभा का आयोजन किया जाएगा। साथ ही हर ग्राम पंचायत में इसकी गाइडलाइन भी रखी जाएगी, इसमें सरल भाषा में बीमा के नियमों की संक्षिप्त जानकारी दी जाएगी ताकि किसान बीमा की प्रक्रिया पूरी समझकर इससे अधिकतम लाभ उठा सकें। इसके साथ ही कलेक्ट्रेट में भी फसल बीमा एवं खेती-किसानी से संबंधित अन्य जानकारी देने एक स्थायी सेल का निर्माण भी किया जाएगा ताकि किसान भाइयों को अपनी दुविधा का समाधान करने स्थायी रूप से एक विशेषज्ञ की सहायता मिल जाए।
बैठक के बीच सांसद ने बताया सरकार ने बढ़ाया
चर्चा के दौरान सांसद सिंह ने किसानों को बताया कि शासन ने धान का समर्थन मूल्य 200 रुपए बढ़ा दिया है। आज ही कैबिनेट समिति (आर्थिक मामले) ने आज धान का समर्थन मूल्य 200 रूपए बढ़ाने का निर्णय लिया है।

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