छत्तीसगढ़

10-Feb-2019 12:08:13 pm
Posted Date

नवनिर्वाचित विधायकों से बृजमोहन ने कहा - सदन के भीतर जनहित के लिए जितनी आवाज़ उठाएंगे आप उतने सफल जनप्रतिनिधि के रूप में पहचाने जाएंगे

0 छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम में वरिष्ठ विधायक पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने नवनिर्वाचित विधायकों का किया मार्गदर्शन
रायपुर, 10 फरवरी । प्रदेश के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहां की जनता द्वारा प्रदत्त अधिकारों का सदन के भीतर उनके हित में आप जितना प्रयोग करेंगे उतने सफल जनप्रतिनिधि के रूप में आप पहचाने जाएंगे। जहा लोकतंत्र मे जनता के अधिकारों एवं स्वतंत्रता की इजाजत सरकार का कर्तव्य होता है, वहीं चुने हुए सभी जनप्रतिनिधियों का दायित्व सरकार के कामकाज पर पैनी नजर रखना होता है। सरकार को बोध कराना कि सरकार के हाथ में शासन करने की शक्ति जनता की अमानत के रूप में है। यह बोध हम सरकार को तभी करा पाते हैं जब विधानसभा सत्र का आगाज हो हम विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेते है। उन्होंने यह बात छत्तीसगढ़ विधानसभा में आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम में आज के अंतिम सत्र में बतौर मुख्य अतिथि नवनिर्वाचित सदस्यों को संबोधित करते हुए कही। यहा उन्होंने ध्यानाकर्षण सूचना, स्थगन प्रस्ताव एवं लोक महत्व के विषय पर विधायकों का मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, विधानसभा सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि की आसंदी से बृजमोहन ने नवनिर्वाचित विधायकों से कहा कि सदन में जितनी आपकी उपस्थिति होगी उतना ही ज्ञान बढ़ेगा और सीखने को मिलेगा। उन्होंने प्रश्नकाल शून्यकाल,याचिका, स्थगन प्रस्ताव आदि विषयों की व्यवहारिक जानकारी विधायकों को दी।
बृजमोहन ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को एक अचूक ब्रह्मास्त्र बताते हुए कहा कि कोई भी सदस्य अध्यक्ष के पूर्व अनुज्ञा से अविलंब नहीं है लोक महत्व के विषय पर मंत्री का ध्यान आकर्षित करा सकता है।
याचिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कोई जरूरी नहीं है कि आप क्षेत्र के विकास के लिए मंत्री और अफसरों के चक्कर काटे। विधानसभा का कोई भी सदस्य याचिका के माध्यम से सदन में अपनी मांग रख सकता है।संबंधित विभाग के विकास कार्यों से संबंधित याचिका को बजट में महत्व दिया जाता है। 
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि वे अपने 28 साल के संसदीय कार्य अनुभव के आधार पर यह कह सकते है कि सदन में अनिवार्य उपस्थिति और सक्रियता से ही क्षेत्र के बड़े-बड़े काम कराए जा सकते है। सभी विधायकों का प्रयास होना चाहिए कि सत्र के दौरान अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे और चर्चाओं में भाग ले।
उन्होंने नए विधायको को विधानसभा की लाइब्रेरी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हुए पुरानी कार्याहियों को पढ़े तथा सदन की कार्यवाहियों में भाग लेने के संबंध में विधानसभा सचिवालय के अफसरों से निसंकोच मार्गदर्शन लेकर आगे बढ़े। बृजमोहन ने कहा कि नवनिर्वाचित विधायक यह बात ध्यान में रखें कि जनता के प्रति उनकी जवाबदेही सबसे बड़ी है। उनके उनके द्वारा सदन में उठाई गई बातें रिकॉर्ड में रहती है। इन बातों की सत्य प्रतिलिपि प्राप्त कर उनका मीडिया के माध्यम से प्रचार किया जा सकता है। ऐसा किया जाना जनता व जनप्रतिनिधि दोनों के लिए बेहतर होगा।

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