0-शारदा चिटफंड घोटाला
शिलांग ,10 फरवरी । शारदा चिटफंड घोटाले में कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से सीबीआई लगातार दूसरे दिन रविवार को भी पूछताछ करेगी। तृणमूल सांसद कुणाल घोष को भी शिलॉन्ग दफ्तर तलब किया गया है। कुमार पर घोटाले की जांच के लिए बनी एसआईटी के प्रमुख रहते हुए सबूत नष्ट करने के आरोप हैं।
शनिवार को 8 घंटे हुई पूछताछ
इससे पहले सीबीआई ने शनिवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से चिटफंड घोटाला मामले में यहां आठ घंटे पूछताछ की। उनको पूछताछ के लिए फिर रविवार को पेश होने को कहा गया है। उधर, तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद कुणाल घोष भी सीबीआई के समन पर शिलांग आ चुके हैं। कुणाल घोष को शारदा और रोज वैली चिटफंड घोटालों में 2013 में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उनको 2016 में कलकत्ता उच्च न्यायालय से अंतरिम जमानत मिली थी।
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, उनसे (राजीव कुमार) पूर्वाह्न् 10.45 बजे से लेकर करीब आठ घंटे तक पूछताछ की गई। उनको कल (रविवार) फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अधिकारी ने कहा, हम नहीं बता सकते हैं कि क्या घोष कल (रविवार) टीम के सामने पेश होंगे। राजीव कुमार से यह पूछताछ इस कथित घोटाले से जुड़े अहम सबूतों, खासतौर से गायब हुए एक पेन ड्राइव और लैपटॉप की जानकारी हासिल करने के लिए की गई. हालांकि सवाल उठता है कि सीबीआई यहां क्या पता करना चाहती है? इस सवाल पर सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी को सीसीटीवी फुटेज की तलाश है, जिससे इस घोटाले में शामिल प्रभावशाली लोगों का पता चल सके। कोलकाता में सीबीआई के संयुक्त निदेशक पंकज श्रीवास्तव ने इससे पहले कहा था कि राज्य पुलिस ने एजेंसी को कुछ अहम सबूत नहीं सौंपे हैं। किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा करते हुए सीबीआई ने शक जताया था कि ये सबूत छुपा लिए गए हैं या फिर नष्ट कर दिए गए हैं।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद कुमार शुक्रवार की शाम कोलकाता से गुवाहाटी होते हुए शिलांग पहुंचे थे। सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को मामले में सुनवाई के दौरान उन्हें शिलांग में सीबीआई जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था। उनके साथ प्रदेश के तीन अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पहुंचे। ये अधिकारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त जावेद शमीम, एसटीएफ प्रमुख मुरलीधर शर्मा और सीआईडी प्रमुख प्रवीण कुमार त्रिपाठी थे।
सीबीआई दफ्तर से निकलने के बाद कुमार के कानूनी सलाहकार विश्वजीत देब ने पत्रकारों को बताया, सहयोग नहीं करने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने पहले भी सहयोग किया और अब भी कर रहे हैं। मेघालय पुलिस कुमार को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करवा रही है। ओकलैंड स्थित सीबीआई दफ्तर को किले में तब्दील कर दिया गया जहां मेघालय पुलिस के विशेष बल (एसएफ)-10 पर सुरक्षा की जिम्मेदारी है। मेघालय के पुलिस प्रमुख आर. चंद्रनाथन अपने अंगरक्षकों के साथ सीबीआई दफ्तर पहुंचे थे, जबकि उनके कोलकाता के उनके समकक्ष से पूछताछ चल रही थी। हालांकि उन्होंने वहां पत्रकारों से बात करने से मना कर दिया। मेघालय पुलिस ने कहा, डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने किसी से बात नहीं की।
बता दें कि सीबीआई टीम पूछताछ के लिए 3 फरवरी को राजीव कुमार के घर पहुंची थी, लेकिन उसे अंदर नहीं जाने दिया गया। उलटा सीबीआई अफसरों को ही पुलिस जबरन थाने ले गई। इस दौरान ममता ने सीबीआई की कार्रवाई के विरोध में धरना शुरू कर दिया था। इस मामले में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने और ईमानदारी से जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। हालांकि, कोर्ट ने साफ कर दिया था कि कुमार को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। गौर हो कि शारदा घोटाले की जांच के लिए 2013 में एसआईटी बनाई गई थी। इसका नेतृत्व 1989 बैच के आईपीएस राजीव कुमार कर रहे थे। 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को दिया था। इसके बाद राजीव कुमार को जनवरी 2016 में कोलकाता पुलिस का मुखिया बनाया गया था।