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10-Feb-2019 12:00:14 pm
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70 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

0-बसंत पंचमी पर तीसरा शाही स्नान
प्रयागराज,10 फरवरी । कुंभ मेले में रविवार को बसंत पंचमी के अवसर पर तीसरा शाही स्नान हुआ. बसंत पंचमी के मौके पर श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. लोग दूर-दूर से कुंभ में स्नान करने आ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, अबतक 70 लाख से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके है. बता दें कि देर रात से बसंत पंचमी का स्नान शुरू हो गया था. प्रशासन ने इस स्नान पर्व पर दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान लगाया है. वहीं भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज शहर के अंदर आने वाले मार्गों पर भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है. इस बार कुंभ के सभी एंट्री प्वाइंट एनएसजी व एटीएस कमांडो की सुरक्षा के घेरे में है.
बता दें, इससे पहले दो शाही स्नान मकर संक्रांति और मौनी अमावस्या पर संपन्न हो चुके हैं. बसंत पंचमी पर कुंभ का तीसरा और अंतिम शाही स्नान है. बसंत पंचमी की तिथि 2 बजकर 9 मिनट तक है. इस दौरान स्नान और दान का सबसे ज्यादा महत्व है. वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर रहे हैं.
इस मौके पर पर यूपी के सीएम योगी ने शाही स्नान पर प्रयागराज पहुंचे श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी. सीएम योगी ने कहा कि हमारी परम्परा में पर्व एवं त्योहार हर्षोल्लास एवं राष्ट्रीयता को मजबूती प्रदान करने के प्रेरणास्पद क्षण हैं. बसंत पंचमी का पर्व हमारी संस्कृति के गौरव एवं समृद्धि का प्रतीक है.
बसंत पंचमी का महत्व
बसंत पंचमी का बड़ा त्यौहार है. भारत के कुछ हिस्सों में बसंत पंचमी से कुछ दिन पहले ही पांडालों में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जाती है और बसंत पंचमी के दिन धूमधाम से देवी सरस्वती का पूजन किया जाता है. इसके बाद अगले दिन प्रतिमा को विसर्जित कर दिया जाता है. उत्तर भारत के कई हिस्सों में बसंत पंचमी को श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है.
इसके अलावा यह भी माना जाता है कि वसंत पंचमी के दिन सूर्य उत्तरायण होता है. इस दौरान धरती पर पडऩे वाली सूर्य की पीली किरणें हमें सूर्य की तरह गंभीर और ओजस्वी बनने का संकेत देती हैं. उत्तरायण के दौरान सूर्य की इन पीली किरणों के कारण भी वसंत पंचमी पर पीले रंग का बहुत महत्व है. इस दिन स्त्री पुरुष और विद्यार्थी पीले रंग का वस्त्र पहनकर विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना करते हैं.

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