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नई दिल्ली । सरकार ने ‘स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी)’ को यूएपीए के तहत पांच साल की अवधि के लिए ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया। गृहमंत्री कार्यालय की ओर से सोमवार (29 जनवरी) को ये आदेश जारी किया गया। इससे पहले सिमी को सरकार ने 2019 में पांच और वर्षों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
गृहमंत्री कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘आतंकवाद के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण को मजबूत करते हुए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) को यूएपीए के तहत पांच साल की अवधि के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित किया गया है।’ इसमें आगे कहा गया, ‘सिमी को भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता को खतरे में डालने के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने, शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाडऩे में शामिल पाया गया है।’
स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) पर पहली बार भारत सरकार ने 1 फरवरी 2014 को प्रतिबंध लगाया था। 2019 में प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया था। 1977 में यूपी के अलीगढ़ में स्थापित यह संगठन भारत को इस्लामिक राष्ट्र में बदलने के एजेंडे पर काम करता है।
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