राज्य

07-Feb-2019 10:04:21 am
Posted Date

कैबिनेट ने दी ‘राष्ट्रीय कामधेनु आयोग’ के गठन की मंजूरी

नई दिल्ली ,07 फरवरी । गोवंश के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए ‘राष्ट्रीय कामधेनु आयोग’ के गठन के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है। बयान में कहा गया है, राष्ट्रीय कामधेनु आयोग के गठन से देश में गोवंश के संरक्षण, सुरक्षा और संवर्द्धन के साथ उनकी संख्या बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। इसमें स्वदेशी गायों का संरक्षण भी शामिल है।
सरकार का मानना है कि इससे पशुधन क्षेत्र की वृद्धि होगी। इसके समावेशी होने के कारण इससे महिलाओं और छोटे एवं सीमांत किसानों को फायदा होगा। यह आयोग पशुपालन, पशु विज्ञान और कृषि से जुड़े केंद्र एवं राज्य सरकारों के विश्वविद्यालयों, विभागों और संगठनों के साथ मिलकर करेगा। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को संसद में पेश 2019-20 के अंतरिम बजट में इस आयोग के गठन का प्रस्ताव किया था। इसका उद्देश्य देश में गोवंश के विकास एवं संरक्षण के लिए नीतिगत व्यवस्था एवं दिशा प्रस्तुत करना है। आयोग यह भी देखेगा कि देश में गो-कल्याण के लिए नियमों और कानूनों का किस तरह से समुचित अनुपालन सुनिश्चित किया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने आम बजट में इस योजना के लिए 750 करोड़ रुपये की रकम देने का ऐलान किया था। केंद्र सरकार की इस योजना को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। कुछ लोगों का मानना है कि इससे आवारा पशुओं की समस्या से निजात कतई नहीं मिलेगा। भीष्मनगर गांव के किसान रतन सिंह का कहना है कि कामधेनु योजना के तहत गायों का संरक्षण किया जाएगा। उसका फायदा चंद लोग ही ले लेंगे लेकिन क्षेत्र में फसलों को बर्बाद कर रहे हजारों दूसरे आवारा पशुओं से निजात कैसे मिलेगी?

Share On WhatsApp