छत्तीसगढ़

07-Feb-2019 9:53:54 am
Posted Date

राजा चक्रधर के नाम पर हो नवीन सांस्कृतिक भवन का नामकरण

आडिटोरियम के नामकरण मे राजनीति से नाराज कलाकार 
रायगढ़, 6 फरवरी 2019/ शहर मे मिनी स्टेडियम के समीप पंजरी प्लांट मे  बने नवीन सांस्कृतिक भवन के नामकरण को लेकर चल रही राजनीति पर जिले के कलाकारों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है।साथ ही नगर को कलाधानी की पहचान दिलाने वाले कला मर्मज्ञ राजा चक्रधर सिंह के नाम पर नवीन आडिटोरियम का नाम रखने की मांग दोहराई है। 
गौरतलब है कि वर्ष 2013.14 मे शुरु हुये नवीन आडिटोरियम का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद बीते माह ही सांस्कृतिक भवन नगर निगम को हस्तांतरित हुआ है किंतु इस नवीन सांस्कृतिक भवन के नामकरण को लेकर वर्षों पहले से सियासी दलों से लेकर नगर की कला इकाइयों के द्वारा सुझाव और प्रस्ताव देने का सिलसिला शुरु हो गया था। अब जब भवन तैयार हो गया है तब भाजपा के राजनेता इस नवीन सांस्कृतिक भवन का नामकरण भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की मांग उठा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के नेता इसका नामकरण स्वण्  नंदकुमार पटेल के नाम पर करने की मांग कर रहे हैं।राजनैतिक दलों से अलगएशहर के कलाकारों के द्वारा आडिटोरियम का नामकरण राजा चक्रधर सिंह के नाम पर करने की मांग की गई है।  इस मामले मे चक्रधर कला व संगीत महाविद्यालय तथा ललित कला अकादमी से जुडे सदस्यों का कहना है कि आडिटोरियम निर्माण के समय से ही इसका नामकरण राजा चक्रधर सिंह के नाम पर प्रस्तावित है।नगर के कलाकारों का तर्क है कि चूंकि राजा चक्रधर सिंह के द्वारा शहर को कला व नृत्य. संगीत की विधा मे न केवल राष्ट्रीय अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर ख्याति दिलाने की  शुरुआत की गई  जिसकी उपलब्धि दस दिवसीय चक्रधर महोत्सव के तौर पर सबके सामने हैं।नगर के ख्यातिलब्ध कलागुरु वेदमणि सिंह ठाकुर बताते हैं कि इतिहास में कोई भी आदिवासी राजा आज पर्यन्त नही हुआ जो संगीत कला में विद्वान या पोषक रहा हो।ऐतिहासिक गणेश मेला व चक्रधर समारोह में महाराज चक्रधर की स्मृति को चिरस्थाई करने की शुरुआत हुई थी और चक्रधर ललित कला केंद्र की तो शुरू से सांस्कृतिक भवन का प्रस्ताव रहा है।कला गुरु ने बताया कि चक्रधर समारोह का मंच देश . विदेश के कलाकारों के बीच अपनी सांस्कृतिक लोक छटा को लेकर प्रसिद्ध है।इतना ही नहींए देश विदेश का बड़ा से बड़ा सांस्कृतिक कलाकार चक्रधर समारोह के मंच के बिना स्वयं को अपूर्ण समझता है। ऐसे मे जिले की सबसे विराट सांस्कृतिक महोत्सव की शुरुआत करने वाले राजा चक्रधर सिंह की चार दशक पुरानी विरासत को चिरस्थाई बनाये रखने के लिये नवीन सांस्कृतिक भवन का नाम महाराज चक्रधर सिंह के नाम पर करने की मांग की गई है। साथ ही राजनेताओं के नाम पर सांस्कृतिक भवन का नामकरण करने की होड़ मे लगे राजनैतिक दलों को शहर के कलाकारों ने यह समझाने का प्रयास करते हुये ललित कला केन्द्र से रखे प्रस्ताव का समर्थन करने का अनुरोध किया है।चक्रधर समारोह के शिल्पी कलागुरु वेदमणि ठाकुरएसंगीत विशारद जगदीश मेहरएवरिष्ठ साहित्यकार पंण्शिवकुमार पांडेयएगणेश कछवाहा सहित अंचल के नामचीन कलाकारों ने सांस्कृतिक भवन नामकरण के मामले में राजनैतिक पार्टियों की दखल को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि सांस्कृतिक भवनों के नाम सदैव कलाकारों के नाम पर रखने की परंपरा रही है जबकि राजनेताओं और शहीदों के नाम पर सडकेंए स्टेडियम व पुल . पुलियों का नामकरण करना श्रेयस्कर होता है।नवीन सांस्कृतिक भवन का नाम महाराजा चक्रधर सिंह के नाम पर होए इसमें शहर जिले के भी सभी समुदाय वर्ग अवश्य सहमत होंगे।

 

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