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06-Feb-2019 7:00:55 pm
Posted Date

बिजली की दरें घटाने का गेमचेंजर प्लान तैयार, हो सकती है हजारों करोड़ की बचत

नई दिल्ली ,06 फरवरी । देश में पावर टैरिफ कम करने और एफिशिएंट प्लांट्स को बढ़ावा देने के लिए सारी बिजली स्पॉट मार्केट से बेचने का प्रपोजल है। इससे कम टैरिफ वाले पावर प्लांट्स राज्यों के साथ पावर परचेज कॉन्ट्रैक्ट नहीं होने पर भविष्य में स्ट्रेस्ड एसेट्स कैटिगरी में नहीं आएंगे। एसोसिएशन ऑफ पावर प्रड्यूसर्स ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। इसके डायरेक्टर जनरल अशोक खुराना का कहना है कि प्रपोजल को लागू करने के लिए ऑपरेशनल और अन्य मुद्दों पर विचार करना होगा।

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (सीईआरसी) की ओर से दिए गए इस प्रपोजल से राज्यों की इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को करोड़ों रुपये की बचत होने की उम्मीद है। सीईआरसी का अनुमान है कि इस सिस्टम से पिछले वर्ष पांच राज्यों की पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों को लगभग 6,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती थी। यूरोप और अमेरिका के कई हिस्सों में इस तरीके से बिजली बेची जाती है।

सीईआरसी ने इस प्रपोजल पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। इसमें देश में पैदा होने वाली बिजली को पूल किया जाएगा। इसमें राज्यों की पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के साथ पावर सप्लाइ अग्रीमेंट साइन करने वाले प्लांट्स से इलेक्ट्रिसिटी भी शामिल होगी। खरीदार और बेचने वाले अपनी बोली सौंपेंगे। इसके बाद एक कीमत तय होगी, जैसा कि पावर एक्सचेंजों पर होता है।

इससे उन कंपनियों को बिजली बेचने में आसानी होगी, जिनकी लागत कम है। पावर परचेज अग्रीमेंट रखने वाले महंगे प्लांट्स को पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों से फिक्स्ड कॉस्ट मिलेगी, जैसा अभी होता है। सीईआरसी के चेयरमैन सी के पुजारी ने बताया कि इस प्रपोजल के परीक्षण के लिए पिछले सप्ताह ऑर्डर जारी किया है। इसके तहत ग्रिड ऑपरेटर पीओएसओसीओ को उन सभी प्रॉजेक्ट्स से इलेक्ट्रिसिटी पूल करने की अनुमति दी जाएगी जिनके लिए टैरिफ तय है। यह परीक्षण अप्रैल से शुरू होकर छह महीने तक चलेगा।

सीईआरसी के ज्वाइंट चीफ एस के चटर्जी ने बताया कि यह प्रपोजल पावर सेक्टर के लिए निर्णायक हो सकता है। इसमें डिमांड को पूरा करने और सप्लाइ भेजने के तरीके में बड़ा बदलाव होगा। इससे स्ट्रेस्ड एसेट की समस्या का भी कुछ समाधान हो सकता है क्योंकि सस्ते प्लांट्स को बिना पावर परचेज अग्रीमेंट के बिजली बेचने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा, अभी कॉन्ट्रैक्ट्स का स्ट्रक्चर ऐसा है कि महंगी पावर जेनरेशन का इस्तेमाल हो रहा है और कम कॉस्ट वाली पावर जेनरेशन बेकार हो रही है। अगर हम सभी इलेक्ट्रिसिटी को पूल करें तो इस समस्या को दूर किया जा सकता है।

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