नई दिल्ली,30 जनवरी । एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो का परिचालन अपने हाथ में लेने के बाद अब गुडग़ांव की रैपिड मेट्रो का परिचालन भी डीएमआरसी पूरी तरह अपने हाथ में लेने वाली है। इस संबंध में हरियाणा सरकार और डीएमआरसी के बीच सहमति बन गई है। सूत्रों के मुताबिक, 5 फरवरी से डीएमआरसी रैपिड मेट्रो का ऑपरेशन पूरी तरह से अपने हाथ में ले लेगी। हालांकि अभी इस मेट्रो के किराए और टाइमिंग आदि में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और स्टाफ भी अभी नहीं बदला जाएगा, लेकिन आने वाले समय में डीएमआरसी इस बात की संभावनाएं तलाशेगी कि रैपिड मेट्रो को किस तरह और ज्यादा उपयोगी बनाया जा सकता है।
रैपिड मेट्रो को हरियाणा सरकार ने पीपीपी मॉडल पर बनाया था। इसके तहत गुडग़ांव के सेक्टर 55-56 से फेज-2 के बीच मेट्रो का एक रिंग बनाया गया था। कुल 12 किमी लंबे इस कॉरिडोर पर 11 स्टेशन बने हुए हैं। इनमें साइबर सिटी, बेलवेडेयर टावर, सिकंदरपुर, मौलसरी एवेन्यू, सेक्टर 55-56 और सेक्टर 54 चौक जैसे कुछ व्यस्त स्टेशन भी शामिल हैं। सिकंदरपुर स्टेशन रैपिड रेल और दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन का इंटरचेंज स्टेशन भी है। अब रैपिड रेल का पूरा ऑपरेशन ही डीएमआरसी के कंट्रोल में होगा।
सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को डीएमआरसी ने इस संबंध में औपचारिक रूप से लेटर भी हरियाणा सरकार को भेज दिया है, जिसमें बताया गया है कि वह 5 फरवरी से रैपिड मेट्रो के ऑपरेशन को टेकओवर करेगी। एयरपोर्ट मेट्रो की तर्ज पर ही रैपिड मेट्रो के लिए भी डीएमआरसी अलग से एक अकाउंट मेंटेन करेगी, जिसमें मेट्रो से होने वाली कमाई और परिचालन में हो रहे खर्च का ब्योरा दर्ज होगा। बताया जा रहा है कि पीक ऑवर में रैपिड मेट्रो में यात्रियों की संख्या बेहद कम रहने की वजह से इसके संचालन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने रैपिड मेट्रो को डीएमआरसी के काबिल हाथों में सौंपने का फैसला किया।