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29-Jan-2019 12:04:46 pm
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मार्केट इंटेलिजेंस से किसानों को वाजिब दाम दिलाएगी सरकार

नई दिल्ली । सरकार किसानों को फसल का सही दाम दिलाने के लिए देशव्यापी मार्केट इंटेलिजेंस की शुरुआत करने की योजना बना रही है। इसके लिए उसने सरसों, चना, प्याज, आलू और गेहूं जैसी 5 कमोडिटी को चुना है। कृषि सहयोग एवं किसान कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव प्रशांत कुमार स्वैन का कहना है कि सरकार किसानों को कमोडिटीज की कीमत और मांग को लेकर जानकारी देती रहेगी। इनमें बागबानी (आम, सेब, संतरा आदि) जैसी फसलें भी शामिल होंगी, जो जल्द खराब हो जाती हैं। इससे किसानों को मार्केट का मिजाज भांपने में मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया, किसान जो फसल उगाना चाहते हैं, उन्हें उसके बारे में सारी जानकारी दी जाएगी। यानी, उस फसल की मार्केट में डिमांड कैसी है और उसकी कीमतों में कितना बदलाव आ सकता है। इससे किसानों को सही फसल उगाने और उसका वाजिब दाम पाने में आसानी होगी। हम इस योजना की शुरुआत 5 कमोडिटीज के साथ करेंगे और आने वाले सीजन में विस्तार करते रहेंगे।
मार्केट इंटेलिजेंस सिस्टम हाल ही में लॉन्च एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पॉलिसी की भी मदद करेगा, जिसका मकसद 2022 तक किसानों की कमाई को दोगुना करना है। वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, हमारा डिपार्टमेंट इंटरनेशनल डिमांड के बारे में भी अपडेट देता रहेगा। अभी तक केवल व्यापारियों को ही रिसर्च रिपोर्ट्स का फायदा मिलता था, लेकिन नए सिस्टम के जरिए सीधे किसानों को जानकारी मुहैया कराई जाएगी। कृषि मंत्रालय ने नॉलेज पार्टनर के तौर पर आईसीएआर-एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चरल इकनॉमिक्स एंड पॉलिसी रिसर्च (एनआईएपी) को जोड़ा है और डायरेक्टोरेट ऑफ मार्केटिंग एंड इंसेप्शन (डीएमआई) उसे टेक्निकल सपोर्ट देगी।
प्रशांत ने बताया, मंत्रालय ने नैशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी (एनआरएए) के चेयरमैन की अगुवाई में एक इंटर मिनिस्ट्रियल टेक्निकल अडवाइजरी कमिटी बनाई है, जो आईसीएआर की रिपोर्ट के आधार पर कीमत और मांग के पूर्वानुमान का विश्लेषण करेगी। इन पूर्वानुमान को हर हफ्ते या पखवाड़े जारी किया जा सकता है, जिससे किसान बाजार की हलचल और देश की जरूरतों से वाकिफ रहें। 
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, यह सामान्य गणित है कि किसान उसी फसल की ज्यादा बुआई करते हैं, जिसमें आखिरी सीजन में सबसे ज्यादा मुनाफा हुआ होता है। इससे प्राइस कैश कर जाता है और किसान संकट में फंस जाते हैं। सरकार का मार्केट इंटेलिजेंस किसानों को मार्केट के असल हालात से वाकिफ कराएगा और उसी आधार पर अगली फसल की बुआई का सुझाव देगा। चूंकि, यह जानकारी सरकारी एजेंसी देगी, इसलिए किसान इस पर भरोसा भी करेंगे। यह मॉडल पिछले बजट की घोषणा में शामिल था, जिसमें सरकार ने किसानों के लिए मार्केट इंटेलिजेंस इंस्टीट्यूशनल मेकेनिज्म का प्रस्ताव दिया था।

 

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