छत्तीसगढ़

01-Jul-2018 8:01:04 pm
Posted Date

जोगी ने कहा: कालाधन नहीं तो भारतीय बैंकों में क्यों नहीं जमा देशद्रोहियों के खिलाफ हो सख्त कार्रवाई

 रायपुर– पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा कि स्विस बैक में भारतीय खाताधारको का कालाधन 50 प्रतिशत राशि बढ़कर 7000 करोड़ पहुच गया है। सिद्ध करता है कि मोदी सरकार में कालाधन में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है। निश्चित रूप से शर्मसार करने वाली बात है। आश्चर्य तो इस बात का है कि 43 बार स्वीजरलैण्ड समेत विदेश भ्रमण के बावजूद कालेधन की बढ़ोतरी की भनक प्रधानमंत्री या भाजपा सरकार को नही लगी।जोगी ने कहा कि वित्त मंत्री अरूण जेटली का कहना कि स्विस बैंक में भारतीय खाताधारकों की जमा सम्पूर्ण राशि कालाधन नही है। सुनकर आश्चर्य हुआ। जेटली को मालूम है कि कितना कालाधन काला है और कितना नही…अपने आप में कई प्रश्न पैदा करते हैं। जो राशि एक नम्बर की है उसे अपने देश में जमा करने क्या दिक्कत है।जोगी ने कहा है कि देश के बडे़-बडे़ उद्योगपति, व्यापारी और नम्बर दो की इन्कम वाले धनाडय राजनेताओं ने स्विस बैक में बहुत बड़ी मात्रा में कालाधन जमा किया है। अब तो चर्चा है कि स्विस बैक को स्विस बैक आफ इंडिया कहा जाये तो बेहतर होगा। जेटली  को चाहिए कि स्विस बैंक में जमा जितनी रकम कालाधन की परिधी में नही है उन्हें सार्वजनिक किया जाए। उक्त राशि की घोषणा और आईटी रिटर्न भरने स्विस बैंक के भारतीय खाताधारको को सरकार के माध्यम से भारतीय बैंको में जमा करने का आदेश दिया जाए।जोगी ने बताया कि स्विस बैंक में कोई भी भारतीय रकम जमा करता है उसे कालाधन ही कहा जायेगा। क्योकि वह अघोषित होता है। खाताधारकों की यह प्रकिया देशद्रोह की श्रेणी में आता है। ऐसे अपराधी तत्वों के खिलाफ जीरों में अपराध दर्ज किया जाए। ऐसे गद्दारों के खिलाफ मुकदमा चलाकर कठोर दण्ड दिया जाए। केन्द्र की भाजपा सरकार कालाधन धारको के खिलाफ कार्यवाही करने में परहेज करती है। जबकि आम चर्चा है कि स्विस बैंक के कालाधन खाताधारको में सत्ताधारी भाजपा के प्रति आस्था रखने वाले रसूखदार, उद्योगपती और राजनेताओं का ही पैसा है।

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