छत्तीसगढ़

23-Jan-2019 12:27:07 pm
Posted Date

सिम्स में आग के बाद नवजात की संदिग्ध मौत सामाजिक कार्यकर्ता मणिशंकर पाण्डेय ने की एम्स के डॉक्टरों से शव परीक्षण की मांग

बिलासपुर, 23 जनवरी । सिम्स में आग लगने के बाद  पहले दम घुटने और फिर डॉक्टरों के बयान में नवजात बच्ची  तारीणी की मौत सेप्टीसिमिया  से होने की बात को  सामाजिक कार्यकर्ता मणिशंकर पाण्डेय ने संदेहास्पद करार देते हुए मामले की जांच रायपुर एम्स के योग्य चिकित्सकों की निगरानी में करवाने की मांग की है  उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर जनरेटर वायरिंग में हादसा होना बताया जा रहा हैज्सवाल उठता है कि उस समय जनरेटर आपरेटर कहां था। यदि इसकी व्यवस्था नहीं है तो जवाबदेही तय की जाये  उन्होंने कहाँ है कि ये घटना सिम्स प्रबंधन की घोर लापरवाही का परिणाम है बच्चे की मौत किन परिस्थितियों में हुई है उसका सच जनता के सामने आना चाहिए उन्होंने नवजात शिशु की मौत के बाद उसका पोस्टमार्टम बिलासपुर के सिम्स व अन्य संस्थानों से न करवा कर रायपुर एम्स के योग्य चिकित्सकों की निगरानी में करवाने की मांग की है । उन्होंने ये भी कहा है कि यदि बच्चे की मौत की जांच में लापरवाही बर्दाश्त नही की जायेगी यदि किसी तरह की लापरवाही होती है तो बच्चे को न्याय दिलाने न्यायालय की शरण ली जाएगी
आप को बता दें कि छत्तीसगढ़ आर्युविज्ञान संस्थान सिम्स में आज सुबह 11 बजे शार्ट सर्किट की वजह से आग लग गई। जिससे अस्पताल में अफरा तफरी का माहौल हो गया। आग से निकले धुएं चिल्ड्रन वार्ड व पीडियाट्रिक वार्ड में पहुंचने लगे। जिससे नवजात आईसीयू वार्ड में भर्ती बच्चों का दम घुटने लगा। आग की धुएं से एक नवजात की कुछ घंटे बाद मौत हो गई। वहीं एक नवजात की हालत नाजुक बताई जा रही है। सिम्स में आज आग लगने  की घटना से हडक़ंप मच गया। जिससे सिम्स केे कर्मचारियों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की मगर आग नहीं बुझ सकी। कुछ देर बाद फायर ब्रिगेड ने लगे आग को बुझाया। घटना के बाद नवजात इकाई में भर्ती बच्चों को आनन फानन में जिला अस्पताल व शिशु अस्पताल में शिफ्ट किया गया। जहाँ कुछ घंटे बाद भाठापारा क्षेत्र के 6 दिन के एक बच्चे की मौत हो गई।जिसे डॉक्टरों ने  सेप्टीसिमिया  से मौत होने की बात कही है एक नवजात की हालत गंभीर बताई जा रही है। सिम्स में आग लगने  की घटना के बाद बच्चों को दूसरे अस्पताल शिफ्ट किया गया है ।
सिम्स के नवजात शिशु गहन वार्ड में 40 बच्चे भर्ती थे। आगजनी की घटना से धुआं शिशु वार्ड में फैलने लगा था ऐसे में वार्ड में भर्ती 12 बच्चों को जिला अस्पताल व शिशु अस्पताल शिफ्ट किया गया

Share On WhatsApp