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18-Aug-2023 3:24:19 am
Posted Date

नीलामी के बाद 10 साल वाला नया बॉन्ड बनेगा बेंचमार्क

नईदिल्ली  । दस वर्षीय नया बॉन्ड (7.18 फीसदी, 2033) चार और नीलामी के बाद बेंचमार्क बॉन्ड बन सकता है। इसका प्रतिफल मोटे तौर पर स्थिर है और वॉल्यूम 50,000 करोड़ रुपये पर पहुंचने वाला है।
सरकार ने 14,000 करोड़ रुपये के नए 10 वर्षीय बॉन्ड बेचे, जिसकी बाजार में अच्छी मांग रही। डीलरों ने कहा कि नीलामी में इसके पहले इश्यू का ज्यादातर हिस्सा सरकारी बैंकों ने खरीदा।
एक सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, नया 10 वर्षीय बॉन्ड (7.18 फीसदी, 2033) अगली तीन से चार नीलामियों में बेंचमार्क बन जाएगा क्योंकि 7.26 फीसदी वाले 2033 बॉन्ड उतारे जाने के समय के मुकाबले उतारचढ़ाव अपेक्षाकृत कम है। उन्होंने कहा, हर कोई नए बॉन्ड में हाथ आजमाना चाहता है और चार नीलामियों में वॉल्यूम आदि इतना अच्छा हो जाएगा कि उसे बेंचमार्क माने जाने पर विचार कर लिया जाएगा।
नए 10 वर्षीय बॉन्ड की कूपन दर हालांकि मौजूदा बेंचमार्क 10 वर्षीय बॉन्ड के प्रतिफल के मुकाबले 1 आधार अंक कम तय की गई थी, लेकिन नए बॉन्ड ने आरबीआई के नेगोशिएटेड डीलिंग सिस्टम ऑर्ड मैचिंग प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग चार्ट में तेजी से दूसरे पायदान पर जगह बना ली।
एक अन्य सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, नीलामी में कुल मिलाकर मांग हालांकि पिछले वर्षों की तरह नहीं थी। साथ ही बाजार के लिए कोई नया संकेतक भी नहीं था। उन्होंने कहा, लेकिन यह देखते हुए कि यह 10 वर्षीय बॉन्ड है, द्वि?तीयक बाजार में वॉल्यूम ने जल्दी ही जोर पकड़ लिया।
नए 10 वर्षीय बॉन्ड और मौजूदा बेंचमार्क बॉन्ड के बीच स्प्रेड 2 आधार अंक बढ़ा है। मौजूदा बेंचमार्क बॉन्ड ने अपने पूर्ववर्ती 7.26 फीसदी 2032 की जगह लेने में सामान्य से ज्यादा वक्त लिया था, जिसकी वजह सीमित ट्रेड वॉल्यूम थी। कुछ वजहों से बॉन्ड का वॉल्यूम कम रहा था। 3 फरवरी को पहला इश्यू जारी किए जाने के बाद करीब दो महीने में हुई चार नीलामी में कुल 52,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए गए। इसका कारण सरकार का वित्त वर्ष 2022-23 का उधारी कार्यक्रम था, जो 24 फरवरी को समाप्त हो गया।
मौजूदा बेंचमार्क 10 वर्षीय बॉन्ड का बकाया 1.5 लाख करोड़ रुपये है। 1.5 लाख करोड़ रुपये की बकाया रकम को किसी बॉन्ड को इलिक्विड घोषित करने की खातिर अनौपचारिक सीमा माना जाता है।

 

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