छत्तीसगढ़

27-Jun-2018 9:01:56 am
Posted Date

कांग्रेस में गुपचुप तरीके से चल रही टिकट के लिए सौदेबाजी

रायपुर। कांग्रेस विधानसभा चुनाव के लिए अगस्त तक 90 फीसदी उम्मीदवार तय कर लेने के आलाकमान की घोषणा को अमल में लाने की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस भवन में सोमवार को हुई बैठकों में चुनावी रणनीति के साथ प्रत्याशियों के चयन और उसके लिए सभी 90 विधानसभा सीटों पर पैनल तैयार करने का फैसला लिया गया है। आलाकमान द्वारा स्क्रीनिंग कमेटी गठित करने के बाद प्रदेश प्रभारी पीएल पुलिया पांच दिन के प्रदेश प्रवास पर हैं। दौरे के पहले दिन उन्हों अन्य प्रभारियों के साथ पीसीसी नेताओं के साथ जिलाध्यक्षों सहित विभिन्न मोर्चा-प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसके साथ ही प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए प्रदेश प्रभारी गोपनीय तरीके से नेताओं और दावेदारों से संपर्क कर रहे हैं। चर्चा है कि प्रदेश प्रभारी अपने इसी दौरे में ही उम्मीदवारों के नाम तय कर आलाकमान को सौंपने की कोशिश में हैं। कांग्रेस के भीतर भी इसी बात की चर्चा है कि उम्मीदवारों के लिए तमाम सौदेवाजी, टिकट बेचने का काम दौरे के बचे दिनों में ही पूरा हो जाएगा। आगे जमीन स्तर पर कार्यकर्ताओं से चर्चा और सर्वे कर दावेदारों की फीडबैक लेने और पैनल तैयार करने की बात सिर्फ दिखावे के लिए होगी।
अलग-अलग गुट सक्रिय: प्रत्याशियों के नाम तय करने के लिए कांग्रेस के भीतर कई गुट सक्रिय हैं, जो अपने-अपने तौर पर उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए दावेदारों से सौदेबाजी में जुटे हैं। पीसीसी अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष का अपना-अपना गुट है जो दावेदारों से संपर्क कर रहे हैं। एक गुट चरणदास महंत, धनेन्द्र साह, रविन्द्र चौबे, ताम्रध्वज साहू का अलग गुट है जो पुनिया को रिपोर्ट कर रहा है।
इसी तरह कार्यकारी अध्यक्ष शिवकुमार डहरिया का भी अपना एक गु्रप है जो टिकट के दावेदारों के संपर्क में है यह गु्रट भी प्रदेश प्रभारी को रिपोर्ट कर रहा है। इनके अलावा प्रदेश प्रभारी स्वयं भी एक गुट के साथ अलग से दावेदारों का फीडबैक ले रहा है। इस गु्रट में राजेन्द्र तिवारी और कुछ पुराने कांग्रेसी बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। चर्चा है कि टिकट के लिए सौदेबाजी के साथ उम्मीद्वारों का नाम तय करने के लिए मुुहिम बेहद गोपनीयता के साथ चलाई जा रही है।
गठबंधन की आस: छत्तीसगढ़ में साल 2013 में कांग्रेस और बीजेपी के वोटों में 0.7 फीसदी का ही मामूली अंतर था. इस बार भी कड़े मुकाबले का अनुमान लगा रही कांग्रेस बीएसपी और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ अपनी नैया पार लगने की उम्मीद कर रही है. राज्य में अजित जोगी की जनता कांग्रेस भी मैदान में रहेगी. राज्य में कांग्रेस की बीएसपी और जीजीपी के साथ बातचीत चल रही है. 2013 में राज्य में बीएसपी को महज एक सीट मिली थी और एक अन्य सीट पर उसका कैंडिडेट दूसरे स्थान पर था. करीब 12 सीटों पर बीएसपी को 1,500 से 17,000 वोट मिले थे. इसी तरह जीजीपी का भी आठ विधानसभा सीटों पर अच्छा असर है. कांग्रेस को उम्मीद है कि इन दलों का साथ मिलने से वह राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन के दम पर मुकाबले में बाजी मार लेगी।
महापौर के खिलाफ अपमानजनक बातें, वाट्सअप पर पोष्ट वायरल
कांग्रेस की गुटबाजी का एक और नमूना आज देखने को मिला जब सोशल मीडिया पर महापौर प्रमोद दुबे के खिलाफ कांग्रेसी पदाधिकारी का अपमानजनक पोष्ट वायरल हो रहा है। इस पदाधिकारी ने पार्षद सुमीत दास की माता के अंत्येष्ठि के दौरान महापौर को भाजपा का कार्यकर्ता बताते हुए फूलछाप कांग्रेसियों से सावधान रहने की बात लिखी है। यह पोष्ट वाट्सअप पर वायरल हो रहा है। कांग्रेस में चल रही गुटबाजी का यह ताजा उदाहरण सामने आया है वह भी तब जब प्रदेश प्रभारी सहित तीन-तीन एआईसीसी पदाधिकारी राजधानी में मौजूद हैं और चुनावी रणनीति को लेकर मैराथन बैठकों का दौर जारी है। उक्त कांग्रेसी के नेता के पोष्ट से साफ है कि कांग्रेस में अदना सा कार्यकर्ता भी खूद को बड़ा नेता समझता है और उन पर प्रदेश पदाधिकारियो और वरिष्ठ नेताओं का नियंत्रण है। यही वजह है कि महापौर के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर अपमानजनक बातें फैलाई जा रही है। इस मामले में कांग्रेस के बड़े नेता कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
मुझे पता नहीं है, पता करता हूं: पुनिया
महौपार के खिलाफ कांग्रेसी पदाधिकारी के उक्त वायरल पोष्ट के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश प्रभारी पीेएल पुनिया ने अनभिज्ञता जताते हुए पता करने की बात कही। यह पूछे जाने पर की उनकी मौजूदगी में भी कांग्रेस के नेता इस तरह की अनुशासनहीनता कर रहे हैं, जबकि पार्टी नेताओं के खिलाफ को भी शिकायत पार्टी प्लेटफार्म पर उठाई जानी चाहिए, इसके जवाब में भी श्री पुनिया ने कुछ न कहते हुए बस यही कहा कि पहले पता तो कर लेने दीजिए।

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