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05-Aug-2023 2:30:07 am
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येस बैंक के फाउंडर को राहत नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की राणा कपूर की जमानत अर्जी

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मनी लान्ड्रिंग मामले में येस बैंक के फाउंडर राणा कपूर की जमानत याचिका खारिज कर दी और कहा कि इस मामले ने पूरे बैंकिंग सिस्टम को हिलाकर रख दिया है’।
कोर्ट ने यह भी सवाल किया कि प्रवर्तन निदेशालय 3,642 करोड़ रुपये के येस बैंक घोटाले की जांच में इतना समय क्यों ले रहा है।
जज संजीव खन्ना ने कहा, इस मामले ने भारतीय बैंकिंग सिस्टम को हिलाकर रख दिया। येस बैंक मुश्किल में पड़ गया और भारतीय रिजर्व बैंक को निवेशकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा, आपको ऐसे मामलों को प्राथमिकता पर लेना होगा जहां भारी हिस्सेदारी हो और बड़ी संख्या में लोग शामिल हों। अगर ईडी की जांच में इतना समय लग रहा है तो कुछ गलत है।
इसके जवाब में एडिशनल सालिसिटर जनरल ने कहा, सैकड़ों कंपनियां हैं इसलिए जांच में लंबा समय लग रहा है क्योंकि हम विदेशों से जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।’
इस बीच, राणा कपूर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा, बैंक को मुश्किल में डाल दिया गया था, लेकिन किसी व्यक्ति को अनिश्चित समय तक सलाखों के पीछे रखने का कोई कारण नहीं है। वह 8 मार्च, 2020 से सलाखों के पीछे है। उन्हें कैद में रखा गया है। तीन साल से ज्यादा समय से और न्यूनतम संभव सजा से अधिक सजा वह भुगत चुके हैं।’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एक बार उन्हें जमानत मिल गई तो मुकदमा कभी खत्म नहीं होगा।’ इसपर एएसजी ने तब अदालत को बताया कि यह एक जटिल जांच है।’
जब अदालत ने कहा कि उसे मामले में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है, तो अभिषेक सिंघवी ने कहा कि यह कभी न खत्म होने वाली जांच है और इसका पीएमएलए कोर्ट पर बहुत ज्यादा बोझ है।
सिंघवी ने आगे कहा कि सार्वजनिक धन की कोई नुकसान नहीं हुआ और राणा कपूर ने 2019 में कार्यालय छोड़ दिया।
मामला बैंक के अधिकारियों द्वारा खुदरा निवेशकों को बैंक के एटि1  बान्ड की गलत बिक्री से संबंधित है। यह आरोप लगाया गया था कि बैंक और कुछ अधिकारियों ने निवेशकों को सेकेंडरी बाजार में एटि1 बाान्ड बेचते समय शामिल जोखिम के बारे में सूचित नहीं किया था। एटि 1 बाान्ड की बिक्री 2016 में शुरू हुई और 2019 तक जारी रही।

 

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