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28-Jul-2023 4:16:52 am
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एक परिवार को मिलेगा 1 चावल बैग, भारत के प्रतिबंध से अमेरिका में मची अफरा-तफरी

नई दिल्ली। भारत सरकार ने आगामी त्योहारों के दौरान घरेलू सप्लाई बढ़ाने और कीमतों को काबू में रखने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रतिबंध का असर अमेरिका में भी दिखाई दे रहा है। चावल पर प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिकी दुकानों में लंबी कतारें और बेहद अस्त-व्यस्त माहौल देखने को मिल रहा है। बता दें कि भारतीय खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि गैर-बासमती उसना चावल और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। कुल निर्यात में दोनों किस्मों का हिस्सा बड़ा है। देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत है।
चावल की खरीददारी पर भी प्रतिबंध
अब अधिक से अधिक एनआरआई और एशियाई लोग चावल जमा करने के लिए दुकानों पर इक_ा हो रहे हैं। इसे देखते हुए कई अमेरिकी दुकानों ने चावल की खरीददारी को लेकर कुछ प्रतिबंध लगा दिए हैं। कई दुकानों ने अफरातफरी से निपटने के लिए ‘प्रति परिवार केवल 1 चावल बैग’ का विकल्प चुना है। यानी एक परिवार केवल एक ही चावल का बैग खरीद सकता है। इन प्रतिबंधों से पहले, कई सुपरमाकेर्ट चेन में चावल खरीदने को लेकर भगदड़ मची हुई थी।
कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं जिनमें लोगों को ज्यादा से ज्यादा चावल बैग खरीदते देखा जा सकता है। हालांकि अब ‘एक परिवार, एक चावल बैग’ के नियम से अफरातफरी शायद कम हो। इस कदम का उद्देश्य चावल के वितरण में निष्पक्षता लाना और अन्य लोगों के लिए स्टोर तक पहुंच को आसान बनाना है। भारत द्वारा चावल निर्यात पर अचानक प्रतिबंध लगाने से आने वाले समय में अनाज की कीमत पर असर पडऩे की संभावना है। मूल्य वृद्धि की उम्मीद ने लोगों को अनाज की जमाखोरी करने और इसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए ज्यादा कीमत पर बेचने के लिए प्रेरित किया है।
भारत के चावल निर्यात प्रतिबंध से खाद्य महंगाई बढ़ सकती है- आईएमएफ
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने मंगलवार को कहा कि इस कदम से खाद्य कीमतें बढ़ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस कदम को जल्द वापस लिया जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि वह भारत को चावल की एक निश्चित श्रेणी के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने के लिए ‘‘प्रोत्साहित’’ करेगा, क्योंकि इससे वैश्विक मुद्रास्फीति पर असर पड़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मौजूदा स्थिति में इस प्रकार के प्रतिबंधों से बाकी दुनिया में खाद्य कीमतों में अस्थिरता पैदा होने की आशंका है और इसके बाद बाकी देश भी बदले में कोई कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘इसलिए हम भारत को निर्यात पर इस प्रकार से प्रतिबंध हटाने के लिए निश्चित ही प्रोत्साहित करेंगे, क्योंकि इनसे दुनिया पर हानिकारक असर पड़ सकता है।’’ भारत से गैर-बासमती सफेद चावल मुख्य रूप से थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और अमेरिका में निर्यात होता है।

 

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