छत्तीसगढ़

21-Jan-2019 12:30:06 pm
Posted Date

कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान एवं विकास कार्यों को किसानों के खेतों तक ले जाने की जरूरत : कृषि मंत्री

० कृषि मंत्री चौबे ने किया इंडियन हॉर्टीकल्चर कांग्रेस का समापन 
० धान जननद्रव्य संरक्षण के लिए कृषि विश्वविद्यालय को गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में मिला स्थान 

रायपुर, 21 जनवरी ।  कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य किया गया है जो राज्य के परिवेश और यहां के किसानों की आवश्यकताओं के अनुरूप हैं। विश्वविद्यालय द्वारा किये गए अनुसंधान को किसानों के खेतों तक ले जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के कल्याण की योजनाएं बनाने में कृषि विश्वविद्यालय का सहयोग लिया जाएगा। चौबे आज यहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा हॉर्टीकल्चर सोसायटी ऑफ  इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 8वीं इंडियन हॉर्टीकल्चर कांग्रेस के समापन समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। 
कृषि महाविद्यालय के सभागार में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री से  चौबे ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के 33वें स्थापना दिवस पर कुलपति डॉ. एस.के. पाटील तथा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार किसान केन्द्रित सरकार का गठन हुआ है और सरकार के काम-काज में कृषि और किसान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। किसानों की बेहतरी के लिए नयी योजनाएं बनाई जा रही हैं। कृषि मंत्री ने कृषि तथा उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को कृषि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कृषि विकास की नई योजनाएं बनाने के निर्देश दिए।  चौबे ने कहा कि चार दिवसीय इंडियन हॉर्टीकल्चर कांग्रेस से प्राप्त निष्कर्षों एवं अनुशंसाओं को भी कृषि योजनाओं में शामिल किया जाएगा। 
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रायपुर ग्रामीण विधायक  सत्यनारायण शर्मा कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने ना केवल भारत बल्कि अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने इंडियन हॉर्टीकल्चर कांग्रेस के सफल आयोजन के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय तथा हॉर्टीकल्चर सोसायटी के पदाधिकारियों को बधाई दी। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एस.के. पाटील ने कहा कि आज इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय का 33वां स्थापना दिवस है। इन 33 वर्षों की विकास यात्रा में कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत महाविद्यालयों की संख्या एक बढक़र 32 हो गई है। इसी प्रकार कृषि विज्ञान केन्द्रों की संख्या तीन से बढक़र 25 हो गई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार तीनों ही क्षेत्रों में अच्छा कार्य किया है और आज देश के 70 कृषि विश्वविद्यालयों में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय को 12वां स्थान प्राप्त हुआ है। 
हॉर्टीकल्चर सोसायटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्म डॉ. के.एल. चड्ढ़ा ने हॉटीकल्चर कांग्रेस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में पहली बार हॉर्टीकल्चर कांग्रेस आयोजन किया गया और यह काफी सफल रहा। उन्होंने आयोजन की सफलता के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति तथा समस्त स्टाफ के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ. चड्ढ़ा ने कहा कि इस चार दिवसीय आयोजन के दौरान 14 सत्रों में बागवानी से संबंधित समस्त विषयों पर चर्चा तथा विचार विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि हॉर्टीकल्चर कांग्रेस में भारत के अलावा अन्य देशों के उद्यानिकी विशेषज्ञ शामिल हुए। देश के चार विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा बीस राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान संस्थानों के निदेशक भी शामिल हुए। इस दौरान 64 प्रमुख शोध पत्र, 80 मौखिक शोध पत्र तथा 500 पोस्टर्स प्रस्तुत किये गए। आयोजन के अंतिम दिवस छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी से संबंधित अनुसंधान एवं विकास पर विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि अधिवेशन में पहली बार प्रगतिशील बागवानी कृषकों को भी आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि हॉर्टीकल्चर कांग्रेस से प्राप्त निष्कर्षों तथा अनुशंसाओं को भारत सरकार तथा छत्तीसगढ़ सरकार को भेजा जाएगा। छत्तीसगढ़ के प्रगतिशील कृषक  विमल चावड़ा ने छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी विकास की संभावनाओं पर प्रस्तुतिकरण दिया।  
भारत सरकार में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एस.के. मल्होत्रा ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य हो रहा है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में सात अखिल भारतीय समन्वित विकास परियोजनाएं संचालित हैं जिनके काफी अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने अपने कार्यों से पूरे देश में अलग पहचान बनाई है। उन्होंने उम्मीद जताई की विश्वविद्यालय भविष्य में और भी बेहतर मुकाम हासिल करेगा। 
समापन समारोह के दौरान अतिथियों द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित अनेक प्रकाशनों का विमोचन किया गया इनमें विश्वविद्यालय द्वारा जारी टेक्निकल बुलेटिन्स भी शामिल हैं। अतिथियों द्वारा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित कृषि पंचाग-2019 का विमोचन तथा लोकार्पण भी किया गया। इस अवसर पर उद्यानिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों तथा कृषि वैज्ञानिकों को भी सम्मानित किया गया। किसानों में  हेमंत चन्द्राकर, जिला दुर्ग और  युगलकिशोर पटेल, जिला बेमेतरा शामिल हैं। कृषि वैज्ञानिकों में डॉ. धनंजय शर्मा, डॉ. गणेशी लाल शर्मा, डॉ. एल.एस. वर्मा, डॉ. गौरव शर्मा, डॉ. हेमंत पाणिग्रही, डॉ. पी.सी. चैरसिया तथा इंजी. राजेश अग्रवाल को सम्मानित किया गया। कृषि महाविद्यालय, रायपुर के अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. एस.एस. राव ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में देश भर से आए उद्यान वैज्ञानिक, डॉ. नारायण भाई चावड़ा सहित अनेक प्रगतिशील कृषक तथा अन्य प्रतिभागी उपस्थित थे।  
23 हजार 250 धान किस्मों के संरक्षण के लिए कृषि विश्वविद्यालय को गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड द्वारा सम्मान
समापन समारोह के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका की संस्था गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड द्वारा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर को धान की 23 हजार 250 किस्मों के जननद्रव्य संरक्षण के विश्व कीर्तिमान के लिए सम्मानित किया गया। कृषि मंत्री  चौबे की उपस्थिति में संस्था के भारत प्रमुख  आलोक कुमार ने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पाटील को विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रमाणपत्र सौंपा। 

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