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15-Jun-2023 4:36:43 am
Posted Date

सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए 25,000 करोड़ रुपये की मंजूरी देगी कैबिनेट

नईदिल्ली। कैबिनेट देश में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए 25,000 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे सकती है। इसको लेकर आज कैबिनेट मीटिंग के बाद घोषणा की जा सकती है। मई में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार कंपनियों को निवेश के लिए प्रोत्साहित कर हमारे देश में और निवेश लाना चाहती है। वे सेमीकंडक्टर और अन्य महत्वपूर्ण पुर्जे बनाने वाली कंपनियों को पीएलआई स्कीम के जरिए विशेष प्रोत्साहन देकर ऐसा कर रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत ने व्यवसायों के लिए देश में संचालन और निवेश करना आसान बना दिया है। उन्होंने बिजनेस लीडर्स से बात की कि कैसे भारत निवेश के लिए एक बेहतरीन जगह बनता जा रहा है। इस दौरान वह वह "निवेश के बढ़ते अवसर: डेस्टिनेशन भारत" विषय पर व्यापारिक नेताओं के साथ बातचीत कर रही थीं।
पिछले साल, सरकार ने भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी। उन्होंने इसके लिए 76,000 करोड़ रुपये को मंजूरी दी थी। स्कीम के तहत, सरकार प्रोजेक्ट खर्च का 50त्न कवर करके कंपनियों को वित्तीय मदद देती थी। इसका मतलब यह हुआ कि कंपनियां अपनी सभी टेक्नॉलजी नोड में सेमीकंडक्टर फैब और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग में जो खर्च करेंगी, उसका आधा सरकार देगी।
पीएलआई स्कीम ने कंपाउंड सेमीकंडक्टर, पैकेजिंग और अन्य सेमीकंडक्टर फैसिलिटी बनाने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय मदद में बढ़ोतरी की है। अब, सरकार उनके खर्चों का 50त्न कवर करेगी, जो पहले केवल 30त्न कवर करते थे।
इससे पहले, सेमीकंडक्टर फैब के लिए प्रोत्साहन नोड के आकार पर आधारित था – 45 नैनोमीटर (एनएम) से 65 एनएम तक के नोड्स को परियोजना के खर्च के 30 प्रतिशत की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी, 28 एनएम और 45 एनएम के बीच वालों को 40 प्रतिशत प्रोत्साहन दी जाती थी। केवल 28 एनएम और नीचे के नोड्स को 50 प्रतिशत प्रोत्साहन प्राप्त होता था। नए बदलावों के बाद, सभी फैब संयंत्रों को, फिर चाहे नोड का कोई भी आकार हो, 50 प्रतिशत की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की गई।

 

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