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24-May-2023 7:11:26 am
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इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवाओं में चार वर्ष 60 लाख कुशल नौकरियां : कौंसिल

नयी दिल्ली । इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सेवाओं (ईएमएस) के क्षेत्र में वर्ष 2025-26 तक देश में 60 लाख से अधिक कुशल कामगारों की जरूरत होगी और इसका बाजार करीब 215 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यह बात इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर स्किल्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ईएसएससीआई) द्वारा इस क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन की कमी पर एक आध्यान रिपोर्ट में आयी है। कौंसिल की सोमवार को जारी अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार इस करीब 12 लाख लोग इस क्षेत्र में कार्यरत है और इस क्षेत्र में 2016-2022 के दौरान नौकरियों के अवसरों में वार्षिक 45 की दर से वृद्धि हुई। ईएसएससीआई के चेयरमैन अमृत मनवानी ने कहा कि देश के ईएमएस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। पीएलआई योजना और स्किल्ड वर्कफोर्स के कारण प्रमुख वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों का रुझान भारत की ओर बढ़ा है। लोगों की आय में बढ़ोतरी और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों में मांग बढऩे की वजह से यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है।
भारत में इस समय ईएमएस उद्योग का आधा मानव संसाधन संसाधन मोबाइल फोन विनिर्माण में लगा है। बाकी के लोग कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग, असेंबलिंग और लॉजिस्टिक सेवाओं में लगे हुए हैं। कोविड-19 के बाद बदलते परिदृश्य और चीन में विनिर्माण की बढ़ती लागत की वजह से दुनिया के तमाम बड़ी कंपनियों ने भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया और अन्य दक्षिण पूर्व के देशों की ओर रुख किया है। रिपोर्ट के अनुसार, बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के साथ-साथ आईटी हार्डवेयर और संशोधित इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण क्लस्टर योजना (ईएमसी 2.0) के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना जैसी सरकारी योजनाओं से ईएमएस क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों जैसे मोबाइल फोन, कंप्यूटर (डेस्कटॉप/लैपटॉप), और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की मांग बढऩे से ईएमएस क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, डिज़ाइन और इनकमिंग मैटेरियल्स इंस्पेक्टर इलेक्ट्रॉनिक आइटम आदि नए क्षेत्र है, जिसमें करियर बनाने के मौके आएंगे। ईएसएससीआई मुख्य परिचालन अधिकारी डॉ अभिलाषा गौड़, ने कहा कि भारत में ओडीएम मॉडल के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव से न केवल ईएमएस क्षेत्र में वृद्धि होगी, बल्कि कारोबार के नए अवसर के साथ, अधिक रोजगार के मौके भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि ऑटोमेशन एंड प्रोग्रामिंग इंजीनियर, इन-प्रोसेस और फाइनल चलिटी इंजीनियर (पीसीबी), इनकमिंग क्यूसी टेक्निशियन (पीसीबी) जैसे कामों के लिए नौकरी के अच्छे मौके आएंगे।

 

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