बैंकों से हजारों करोड़ रुपए का कर्ज लेकर फरार हुए विजय माल्या के तर्कों पर सरकार की तरफ से विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने कहा कि अगर वह कर्ज की अदायगी करना चाहते थे तो कई साल पहले ही इसकी अदायगी कर सकते थे। माल्या के इस बयान पर कि वह बैंकों के कर्ज का भुगतान करने की निरंतर कोशिश कर रहे हैं लेकिन उन्हें बैंक धोखाधड़ी करने वाले 'पोस्टर ब्वाय'की तरह पेश कर रहे हैं।
अकबर ने संवाददाता सम्मेलन में इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कहा कि अगर विजय माल्या बैंकों के कर्ज का भुगतान करना चाहते तो मेरा मानना है कि कर्ज की अदायगी वह कई साल पहले ही कर सकते थे। बता दें कि मंगलवार को जारी हुए एक पत्र में माल्या ने कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को 15 अप्रैल 2016 को पत्र लिखा था लेकिन उनकी तरफ से पत्र का कोई जवाब नहीं मिला और अब मैं सब कुछ स्पष्ट करने के लिए इन पत्रों को सार्वजनिक कर रहा हूं।
माल्या ने अदालत से न्यायिक देखरेख में उसकी संपत्तियों को बेचने की अनुमति देने और लेनदारों और सरकारी बैंकों का कर्ज भुगतान करने देने का आग्रह किया है। बता दें कि शराब कारोबारी माल्या (62) देश से मार्च 2016 से फरार है। वह भारतीय अदालतों व कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा विभिन्न मामलों के मुकदमे में पेश होने के सम्मन के बावजूद लंदन में है। कर्ज की वसूली को दीवानी मामला बताते हुए माल्या ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) व प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंकों के बकाए को निपटाने की उनकी मंशा के बावजूद उन्होंने उनके मामले में आक्रामक कार्रवाई कर इसे आपराधिक बना दिया है।
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