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19-Jan-2019 12:51:41 pm
Posted Date

ट्रेन चलाने का काम निजी कंपनियों को सौंप सकती है सरकार

0-रेलवे बोर्ड के सदस्य का दावा
नई दिल्ली ,19 जनवरी । केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ट्रेन चलाने का जिम्मा प्राइवेट कंपनियों को सौंपने की सोच रही है। सूत्र बताते हैं कि सबकुछ ठीक रहा तो इसी वित्तीय सत्र में सरकार इस दिशा में पहल कर देगी। अमेरिका में वैगन और कंटेनर सेवाओं का केवल 25 फीसदी ही रेल ऑपरेटर के पास है, बाकी का 75 फीसदी प्राइवेट सेक्टर के पास है। वहीं रूस में इन सेवाओं में सरकार का कोई दखल नहीं है।
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ सदस्य ने शुक्रवार को कहा कि रेलवे यात्री ट्रेनों और मालगाडिय़ों के परिचालन में निजी ऑपरेटरों को अनुमति देने पर विचार कर रहा है। रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) गिरीश पिल्लई ने परिवहन अनुसंधान एवं प्रबंधन केंद्र (सीटीआरएम) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि वरिष्ठ अधिकारी अभी इस मामले पर विचार कर रहे हैं।
पिल्लई ने कहा, दुनियाभर में ट्रेनों के परिचालन में कई बदलाव हुए हैं और मेरा मानना है कि यह ऐसा समय है कि भारत को यात्री ट्रेनों के परिचालन में निजी ऑपरेटरों को अनुमति देने के विकल्प पर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा, उन्हें किराया तय करने और टर्मिनल का निर्माण करने की इजाजत दी जा सकती है कि नहीं, इस पर रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी और इस क्षेत्र के विशेषज्ञ चचाज़् कर रहे हैं। 
पिल्लई ने यह भी कहा कि मालढुलाई के क्षेत्र को यात्री सेवाओं से अलग करने की जरूरत है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ट्रेन सेवाएं इस वक्त घाटे की स्थिति में हैं, सिर्फ  कुछ ही ट्रेनें फायदे में चल रही हैं। उन्होंने कहा कि यात्री और माल ढुलाई के किराए में बदलाव करने की ज़रूरत है। पिल्लई ने कहा कि माल ढुलाई के सेक्टर में हामी भरने के साथ ही अब तक लगभग 50 प्राइवेट फ्रेट टर्मिनल देश में आ चुके हैं। 
उन्होंने कहा कि अमेरिका में वैगन और कंटेनर सेवाओं का केवल 25 फीसदी ही रेल ऑपरेटर के पास है बाकी का 75 फीसदी प्राइवेट सेक्टर के पास है। रूस में इन सेवाओं में सरकार का कोई दखल नहीं है।

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