छत्तीसगढ़

19-Jan-2019 12:31:11 pm
Posted Date

प्रयागराज कुंभ मेले में कल्पवास के लिए अनेक भक्त रवाना

0 कुंभ स्नान से अक्षय सुखों की प्राप्ति होती है
रायपुर, 19 जनवरी । भारत के चार धामों में प्रति 12 वर्ष में भरने वाला कुंभ मेला इस वर्ष मकर संक्रांति से प्रारंभ हो गया है। कुंभ स्नान के लिए राजधानी से अनेक भक्त सैकड़ों की संख्या में प्रयाग राज रोज जा रहे है। प्रयागराज से गुजरने वाली चारों दिशाओं से चलने वाली ट्रेनें इन दिनों पैक चल रही है। पं. अनंतधर शर्मा के अनुसार कुंभ स्नान का पौराणिक महत्व है। भगवान भोलेनाथ के सिध्द स्थानों में भरने वाले कुंभ मेले में माघ स्नान करने से अक्षय सुखों की प्राप्ति होती है। पौराणिक परंपरा के अनुसार गंगा तट के किनारे चलने वाले कुंभ मेले में तम्बू बनाकर लोग एक माह कल्पवास में बिताते है। शंकर नगर की डॉ. लाज गुप्ता कुंभ स्नान के लिए आज प्रयागराज रवाना हुई है। डॉ. गुप्ता ने बताया  कि वे पूरे एक माह गंगा तट पर कल्पवास करेंगी। उन्होंने बताया कि उनके साथ शहर के 80 भक्त आज सारनाथ एक्सप्रेस से प्रयागराज के लिए रवाना हो रहे है। भक्तों की श्रध्दा एवं कुंभ मेलों के प्रति पूरी दुनिया के लोगों का आगमन प्रयागराज में हो चुका है। विदेशी सैलानियों के लिए कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा मेला है। जहां इतनी बड़ी संख्या में लोग  गंगा तट पर एकत्र होकर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना इस विश्वास के साथ करते है कि गंगा मईया में डुबकी लगाते ही उनके सारे पाप कट जाते है और मां गंगा के स्नान के बाद उन्हें भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है। प्राचीन भारतीय इतिहास के प्राध्यापक डॉ. विष्णु प्रताप सिंह के अनुसार कुंभ स्नान भारत में सदियों से चल रहा है। हर 12 वर्ष में चारों धाम में बारी-बारी से भरने वाले इस भक्तिभाव पूर्ण मेलें को देखने एवं समझने के लिए पूरी दुनिया के देशों को बेसब्री से इंतजार रहता है। 

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