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13-Apr-2023 5:07:43 am
Posted Date

आईनॉक्ससीवीए ने एमआरआई मशीन के लिए बनाया 4के हीलियम क्रायोस्टेट

नयी दिल्ली  । क्रायोजेनिक भंडार विनिर्माता प्रमुख भारतीय कंपनी आईनॉक्ससीवीए ने कहा है कि उसने स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए देश के पहले जीरो-बॉयल-ऑफ 4के हीलियम क्रायोस्टेट का निर्माण किया है। कंपनी का दावा है कि इससे मरीजों के एमआरआई परीक्षण की लागत कम करने में मदद मिलेगी।
गैंसों को तरल रूप में रखने के लिए क्रायोजेनिक (अति-शीतल) स्टोरेज तथा पुनर्गैसीकरण प्रणालियों का विनिर्माण और वितरण करने वाली कंपनी की विज्ञप्ति में कहा गया है कि 1.5टी सुपरकंडक्टिंग एमआरआई के लिए संपूर्ण शरीर हीलियम क्रायोस्टेट जीरो बॉइल-ऑफ तकनीक पर आधारित है।
कंपनी के अनुसार एमआरआई मैग्नेट सिस्टम की निर्माण क्षमता रखने वाला भारत दुनिया का छठा देश बन गया है और इससे एमआरआई लागत कम करने और स्वास्थ्य सेवा को अधिक किफायती बनाने में मदद मिलेगी। कंपनी ने इस प्रणाली का फैब्रिकेशन अपनी वड़ोदरा स्थित कारखाने में किया है। क्रायोस्टेट को नई दिल्ली के इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (आईयूएसी) में स्वदेशी चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (आईएमआरआई) परियोजना के प्रमुख अन्वेषक डॉ. सौमेन कार के नेतृत्व में वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अनुसंधान साथियों की एक टीम द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन किया गया है।
विज्ञप्ति के अनुसार आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आईएनॉक्ससीवीए ने इस एमआरआई चुंबक प्रणाली को आई-अमृत 1.5 ( यानी भारतीय उन्नत एमआरआई प्रौद्योगिकी 1.5) नाम दिया है।
चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग के विकास पर प्रतिष्ठित राष्ट्रीय परियोजना समीर (सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च), मुंबई के सहयोग से मुख्य अन्वेषक, आईएमआरआई परियोजना के नेतृत्व में शुरू किया गया था।
आईएनओएक्ससीवीए के निदेशक, सिद्धार्थ जैन ने कहा, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के साथ साझेदारी में भारत के पहले स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किए गए 1.5टी सुपरकंडक्टिंग एमआरआई मैग्नेट क्रायोस्टेट का सफलतापूर्वक निर्माण एक अभूतपूर्व उपलब्धि है। अत्याधुनिक समाधानों के साथ यह भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांति लाने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हमें विश्वास है कि यह क्रांतिकारी इंजीनियरिंग मास्टरपीस देश भर के लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सस्ती और सुलभ बनाने में मदद करेगी, और हम समाज की बेहतरी की दिशा में अपना काम जारी रखने के लिए तत्पर हैं।

 

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