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08-Apr-2023 4:58:44 am
Posted Date

ब्याज दरें अपरिवर्तित रहने से बॉन्ड का प्रतिफल हुआ नरम

0-मौद्रिक नीति
नईदिल्ली। बॉन्ड बाजारों में तेजी दर्ज हुई और 10 वर्षीय सरकारी बेंचमार्क प्रतिभूति का प्रतिफल 8 आधार अंक नरम होकर 7.2 फीसदी रहा क्योंकि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने आश्चर्यजनक रूप से रीपो दरों में कोई इजाफा नहीं किया है।
ब्याज दर तय करने वाली भारतीय रिजर्व बैंक की समिति ने रीपो दरें 2023-24 की पहली बैठक में 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला लिया है।
नैशनल क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल 7.20 फीसदी पर बंद हुआ, जो एक दिन पहले 7.28 फीसदी रहा था।
इंडिपेंडेंट रिसर्च हाउस क्वांटइको रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा, चूंकि बाजार के प्रतिभागी आज की मौद्रिक नीति की घोषणा में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी मानकर चल रहे थे, ऐसे में यथास्थिति के ऐलान के चलते बॉन्ड में तेजी आई।
जेएम फाइनैंशियल समूह के प्रबंध निदेशक अजय मंगलूनिया ने कहा, प्रतिफल में नरमी से संकेत मिलता है कि बाजार आरबीआई के कदम से सहज महसूस कर रहा है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई का अनुमान वित्त वर्ष 24 की चारों तिमाहियों में ऊपरी स्तर से नीचे रहने का है। 10 वर्षीय बेचमार्क का प्रतिफल जून की नीतिगत समीक्षा तक 7.10 से 7.30 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान है, अगर वैश्विक बाजारों में कुछ घटनाक्रम न हो तो।
क्वांटइको ने कहा, 10 वर्षीय सरकारी प्रतिभूतियों का प्रतिफल मार्च 2024 के आखिर में 7 फीसदी पर रहने की संभावना है जबकि अभी 7.21 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था। मौद्रिक नीति पर लंबी अवधि तक विराम लंबी अवधि के प्रतिफल को नीचे की ओर ले जाता है।
एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा कि 10 वर्षीय प्रतिभूति का प्रतिफल रिटर्न के मामले में कुछ दबाव दिखा सकता है जब सरकार का उधारी कार्यक्रम शुरू होगा और यह पहली तिमाही में 7.20 से 7.30 फीसदी के दायरे में रह सकता है।
अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 के बीच सरकारी प्रतिभूतियों का प्रतिफल मोटे तौर पर सीमित दायरे में रहा है। अक्टूबर 2022 में प्रतिफल सख्त हुआ, जो सितंबर में अनुमान से ज्यादा उपभोक्ता कीमत पर आधारित महंगाई के कारण था। नवंबर में यह नरम हुआ और इसने अमेरिकी प्रतिफल में नरमी से संकेत ग्रहण किया क्योंकि अमेरिका में महंगाई अनुमान से कम रही और कच्चे तेल की कीमतें घटीं। कुल मिलाकर 10 वर्षीय बेंचमार्क का प्रतिफल तीसरी तिमाही में 7 आधार अंक नरम होकर 7.33 फीसदी पर बंद हुआ। आरबीआई ने मौोद्रिक नीति की रिपोर्ट में ये बातें कही।

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