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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था में जारी पुनरुद्धार को और गति देने के लिये गुरुवार को नीतिगत दर रेपो में और वृद्धि नहीं की और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.
साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है. वहीं चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सोमवार से शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी ने अर्थव्यवस्था में जारी पुनरुद्धार को बरकरार रखने तथा उसे और गति देने के लिये आम सहमति से नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने रखने का निर्णय किया है.
रेपो दर वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं. इससे पहले, आरबीआई मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये पिछले साल मई से लेकर कुल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है.
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