छत्तीसगढ़

15-Jan-2019 12:49:10 pm
Posted Date

ग्रामीण पत्रकारिता पर पीआईबी ने किया वार्तालाप का अयोजन

0-बस...लिखते समय ध्यान रखें : नैयर
रायपुर, 15 जनवरी। पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की ओर से विकासात्मक पत्रकारिता पर ग्रामीण अंचल के पत्रकारों के लिए भिलाई के  एक निजी होटल में ‘वार्तालाप’ कार्यशाला आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर ने कहा कि मीडिया को संवैधानिक तौर पर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ नहीं माना जाता किन्तु सालों पहले हाऊस ऑफ कामन्स में हुई घटनाओं के चलते समाचार पत्रों को लोकतंत्र का चौथा पाया कहा जाने लगा। उन्होंने फिराक गोरखपुरी, फैज अहमद फैज, निदा फाजली आदि के शेरों के माध्यम से ग्रामीण अंचल में कार्यरत पत्रकारों की हौसला अफजाई की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में पत्रकारिता केभविष्य को उज्जवल बताते हुए उनकी समस्याओं तथा उसके समाधान किए जाने संबंधी बातें कहीं। उन्होंने अंतरिक्ष यात्री वैज्ञानिक कल्पना चावला, पत्रकार छत्रपति आदि की शहादत का हवाला देते हुए कहा कि हर क्षेत्र और वर्ग में अच्छा-बुरा होता है। बस लिखते समय यह ध्यान रखना है कि आने वाली पीढ़ी भी उसका अध्ययन करेगी। इससे चिंतन और लेखन में सकारणत्मकता आएगी। तथा अपनी छवि के साथ-साथ परिवार और सामाजिक परिवेश भी बदलने लगेगा। केवल बुराईयां ही नहीं समाज में बहुत शारी अच्छाईयों भी होती हैं केवल देखने वाली दृष्टि होनी चाहिए। उन्होंने विषय को विस्तार पूर्वक समझाते हुए कहा कि हमें अतीत को भूलना नहीं चाहिए। जैसे कि शून्य का आविष्कार भारत में हुआ और महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ने किया। अतीत का स्मरण करते हुए चिंतन की दिशा को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। अतीत में भटकना नहीं है। उन्माद, जुनून और इच्छाशक्ति के बूते सब कुछ बदला जा सकता है। वरिष्ठ पत्रकार शिवनाथ शुक्ल ने कहा कि  ग्रामीण और शहरी पत्रकारिता का वर्गीकरण ही अपने आप में अनुचित है। आज जब वैश्वीकरण की बात कहते हैं ऐसे दौर में ग्रामीण व शहरी पत्रकारिता की बात करना ठीक नहीं है। उन्होंने मैथिलीशरण गुप्त, डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के उद्धरणों से अपने वक्तव्य की पुष्टि की। कार्यशाला में प्रेस क्लब अध्यक्ष टी.सूर्याराव और इलेक्ट्रानिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार सुदीप त्रिपाठी ने भी अपने अनुभव सुनाए। ग्रामीण पत्रकारिता की कठिनाईयों, महिला सशक्तिकरण और पत्रकारिता में निरंतर आ रही चुनौतियों पर वरिष्ठ पत्रकार सहदेव देशमुख एवं बलराम यादव ने भी अपने अनुभव शेयर किए इस अवसर पर आगन्तुक पत्रकारों की जिज्ञासाओं एवं प्रश्नों का सटीक एवं संतुलित समाधान वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर ने दिया। शुरुआत में विषय प्रवेश पर   सूचना कार्यालय के सहायक निदेशक सुनील कुमार तिवारी तथा विषय विस्तार पर सार्थक वक्तव्य अपर महानिदेशक एस.एस.पनतोड़े ने दिया। वार्तालाप कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार शिव श्रीवास्तव, राजेन्द्र ठाकुर,  सहित प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के लगभग शताधिक मीडियाकर्मी उपस्थित थे। 

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