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0-कोरेगांव-भीमा मामला
नयी दिल्ली,14 जनवारी । सुप्रीम कोर्ट ने एल्गार परिषद-कोरेगांव भीमा हिंसा में कथित भूमिका और माओवादियों से कथित संबंधों के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े के खिलाफ दर्ज पुणे पुलिस की एफआईआर रद्द करने से सोमवार को इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जारी जांच में हस्तक्षेप करने से भी इनकार कर दिया। सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस के कौल ने बंबई उच्च न्यायालय द्वारा तेलतुम्बड़े को दी गई गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा की अवधि चार सप्ताह और बढ़ा दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि तेलतुम्बड़े सक्षम निचली अदालत से इस मामले में नियमित जमानत की अपील कर सकते हैं। बम्बई उच्च न्यायालय से तेलतुम्बड़े की याचिका 21 दिसंबर को खारिज कर दी थी। तेलतुम्बड़े ने अपने खिलाफ दायर पुणे पुलिस की प्राथमिकी रद्द करने और तीन सप्ताह के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा देने की मांग की थी। पुलिस के अनुसार कोरेगांव भीमा में एक जनवरी को हुई हिंसा से एक दिन पहले पुणे में एल्गार परिषद समारोह में कई कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से भडक़ाऊ भाषण दिए थे जिसके कारण हिंसा भडक़ी।
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